पहले की योजना के मुताबिक़ इस साल दिसंबर तीन से ग्यारह की बीच होने वाली चैंपियंस ट्राफ़ी की मेज़बानी भारत को करनी थी। ये मैच दिल्ली में खेले जाने थे। एक प्रेस विज्ञप्ति में एफ़आईएच ने कहा कि उन्हें दुख है कि चैंपियंस ट्राफ़ी को भारत से बाहर ले जाना पड़ रहा है।

एफ़आईएच के अध्यक्ष लिआंद्रो नेग्रे ने कहा है, "ये टीम, आयोजनकर्ताओं और प्रशंसकों के लिए मुश्किल की घड़ी है। लेकिन हमें लगता है कि ये हमारे खेल की साख को बचाए रखने के लिए ज़रूरी था." बयान में कहा गया है कि संगठन खेल के लिए नई जगह के चुनाव पर विचार-विर्मश कर रहा है जिसकी घोषणा हफ़्ते के भीतर ही कर दी जाएगी।

'भ्रम की स्थिति'

ट्राफ़ी मैच के बाहर जाने का मतलब है भारत को दक्षिणी अफ्रीका में आठ देशों की चैंपियन चैलेंज श्रृंखला में शामिल होने के लिए क्वालिफाइंग मैच खेलना पड़ेगा। एफ़आईएच का कहना है कि ओलंपिक चार्टर में साफ़ तौर पर लिखा है कि एक खेल के लिए देश में एक ही प्रबंधन समिति होगी।

अंतरराष्ट्रीय खेल संस्था ने हाल में हॉकी से जुड़ी दो संस्थाओं - हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी फेडेरेशन, के बीच सरकार के बीच-बचाव से करवाई गई सुलह को लेकर चिंता जताई थी। सुलह के मुताबिक़ दोनों में इस बात को लेकर सुलह हो गई थी कि वो एक साझा बोर्ड बनाकर खेल की देख-रेख करेंगे।

एफ़आईएच ने कहा है कि वो खेल के देख-रेख की व्यवस्था पर बराबर नज़र बनाए रखेगा और उम्मीद करता है कि इसका सही निपटारा होगा।

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