- मौसम विभाग का पूर्वानुमान सामान्य या उससे ज्यादा बारिश होगी दून में

- सबसे ज्यादा बारिश वाली राज्यों की राजधानी में अक्सर दूसरे नंबर पर रहा है दून

- 2013 में पहले नंबर पर था दून, दूसरे नंबर पर रही महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई

DEHRADUN: पिछले सालों के पूर्वानुमानों के विश्लेषण के आधार पर राज्य मौसम केन्द्र ने राज्य में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में यह संभावना फिर से बनती है कि क्या दून देशभर में सबसे ज्यादा बारिश वाली राजधानी बनेगा। इसके लिए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के साथ दून का कॉम्पिटीशन रहा है। हालांकि, पिछले म् सालों में ख्0क्फ् को छोड़कर दून इस कॉम्पिटीशन में दूसरे स्थान पर ही रहा।

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दोनों राजधानियों में सालाना बारिश

वर्ष देहरादून मुंबई

ख्0क्क् ख्म्88.भ् फ्भ्म्0.7

ख्0क्ख् ख्ख्9ख्.ख् ख्म्म्0.क्

ख्0क्फ् फ्ख्म्भ्.0 फ्ख्म्ख्.म्

ख्0क्ब् क्9ब्ख्.8 ख्ख्फ्भ्.ख्

ख्0क्भ् क्787.7 ख्ख्ख्भ्.भ्

ख्0क्म् क्भ्ख्भ्.ख् ख्फ्क्8.फ्

(वर्षा के आंकड़े मिमी। में)

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फ् सालों में औसत से कम बारिश

देहरादून न सिर्फ सर्वाधिक बारिश वाली राजधानी के मामले में मुंबई से पिछड़ रहा है, बल्कि पिछले तीन वर्षो से शहर में सालाना बारिश का औसत भी लगातार सामान्य से नीचे गिरा है। देहरादून में सामान्य बारिश ख्ख्फ्ब्.भ् मिमी प्रतिवर्ष आंकी गई है, लेकिन ख्0क्ब् में शहर में क्9ब्ख्.8, मिमी, ख्0क्भ् में क्787.7 मिमी और ख्0क्म् में क्भ्ख्भ्.ख् मिमी बारिश ही दर्ज की गई।

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ख्0क्फ् में मुंबई से ज्यादा हुई थी बारिश

पिछले म् सालों में ख्0क्फ् ही ऐसा साल रहा जब देहरादून सर्वाधिक वर्षा वाली राजधानी बना। दूसरे नंबर पर मुंबई रहा, हालांकि दून की बढ़त मामूली ही थी। देहरादून में फ्ख्म्भ्.0 मिमी। और मुंबई में फ्ख्म्ख्.म् मिमी। बारिश हुई थी। खास बात यह रही है कि देहरादून में हुई रिकॉर्ड बारिश का आधा से अधिक हिस्सा क्भ् से क्7 जून के बीच बरसा। यह देहरादून में बारिश का ऑल टाइम रिकॉर्ड भी है। इसी दौरान राज्य को केदारनाथ जैसी त्रासदी से जूझना पड़ा।

क्या है ज्यादा बारिश की वजह

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड में अधिक बारिश की वजह बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं का सबसे पहले गढ़वाल और कुमाऊं हिमालय की चोटियों से टकराना है। पश्चिमी बंगाल और बिहार से होकर ये मानसूनी हवाएं जब उत्तराखंड पहुंचती हैं तो हिमालय से टकराती हैं और जमकर बारिश होती है। जब ये हवाएं हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर पहुंचती हैं तो इनकी तीव्रता में काफी कमी आ जाती है।

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सामान्य या सामान्य से ज्यादा होगी बारिश

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक विक्रम सिंह ने इस बार उत्तराखंड में भी सामान्य अथवा सामान्य से अधिक बारिश की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बारिश का जो पूर्वानुमान व्यक्त किया जाता है वह उत्तराखंड पर पूरी तरह से लागू होता है। पिछले क्0 सालों में राष्ट्रीय स्तर पर किये गये पूर्वानुमानों का विश्लेषण करें तो ख्009 को छोड़कर हर साल उत्तराखंड पर ये पूर्वानुमान पूरी तरह से ठीक साबित हुए हैं।