बदला लेने वाला विवादित बयान
दंगा प्रभावित क्षेत्र मुजफ्फर नगर में लोकसभा चुनाव के दौरान 4 अप्रैल को अमित शाह ने चुनावी सभा को संबोधित किया था जिसपर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. शाह के खिलाफ मुजफ्फरनगर कोर्ट में दायर चार्जशीट में उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया है. विपक्षी दलों का आरोप था कि भाजपा नेता ने वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए जानबूझकर ऐसे बयान दिए थे.

गंभीर धारायें लगीं  
सूत्रों के अनुसार शाह के खिलाफ दायर चार्जशीट में कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने द्वारिका पुरी स्थित एक बारात घर में आयोजित एक सभा में विवादित बयान दिया था. इसके बाद नई मंडी में यह मुकदमा दर्ज कराया गया था. उस समय अमित शाह भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी थे. उधर, भाजपा ने इसे अमित शाह और पार्टी के खिलाफ साजिश बताया है.

क्या है मामला
अमित शाह ने इस साल 4 अप्रैल को मुजफ्फरनगर में एक बैठक में कहा था कि,'उत्तर प्रदेश और खासकर वेस्ट यूपी के लिये यह चुनाव सम्मान की लड़ाई है. यह चुनाव उन लोगों के लिये सबक सिखाने का मौका है. जिन्होंने जुल्म ढाये हैं.' अमित शाह ने कथित तौर पर यह भी कहा था,'आदमी भोजन और नींद के बिना जी सकता है. भूखा-प्यासा होने पर भी वह जी सकता है, लेकिन बेइज्जत होने पर वह जी नहीं सकता.' इसके अलावा शाह पर आरोप है कि उसी दिन शामली और बिजनौर में भी बैठकों में उन्होंने ऐसी ही बातें की थीं.

 

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