कानपुर। 17 दिसंबर 1974 को साउथ अफ्रीका में जन्में चार्ल केनेथ अफ्रीकी टीम के तेज गेंदबाजों में शुमार रहे हैं। चार्ल ने साउथ अफ्रीकी टीम की तरफ से करीब 10 साल तक क्रिकेट खेला। चार्ल को स्विंग मास्टर कहा जाता था उनकी गेंदें इतनी तेजी से घूमती थीं कि बड़े से बड़ा बल्लेबाज भी चकमा खा जाए। हालांकि क्रिकेट उनका पहला प्यार नहीं था। क्रिकेटर बनने से पहले चार्ल जेलर की नौकरी करते थे। चार्ल ने ड्रेकेंसटीन जेल की जिम्मेदारी संभाली थीं। आपको बता दें यह वही जेल है जहां पूर्व साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को कैद रखा गया था।

साल 2001 में किया डेब्यू

जेलर की नौकरी करते वक्त चार्ल शौकिया क्रिकेट भी खेला करते थे। उन्हें तेज गेंदबाजी करना पसंद था, फिर एक दिन अचानक उनके मन में आया क्यों न वह इस शौक को प्रोफेशनल में बदल लें। फिर क्या चार्ल जेलर की नौकरी छोड़ क्रिकेट मैदान पर उतर आए और कड़ा अभ्यास कर साल 2001 में साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम में इंट्री मारी। चार्ल ने केन्या के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। पहले मैच में उन्हें निराशा नहीं मिली और दो विकेट लेकर पवेलियन लौटे। इसके बाद चार्ल की साउथ अफ्रीकी टीम में धीरे-धीरे जगह पक्की होती गई।

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100 विकेट हैं इनके नाम

44 साल के हो चुके पूर्व साउथ अफ्रीकी गेंदबाज चार्ल को टेस्ट से ज्यादा वनडे में सफलता मिली। चार साल तक वनडे खेलने के बाद 2005 में उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका मिला। हालांकि इसमें उनका प्रदर्शन एवरेज ही था। क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, चार्ल ने सिर्फ एक साल टेस्ट खेला। इस दौरान उन्हें कुल 6 मैच खेलने को मिले जिसमें उनके नाम 16 विकेट दर्ज हैं। वहीं वनडे की बात करें तो साल 2010 में आखिरी मैच खेलने से पहले चार्ल 72 वनडे मैचों में साउथ अफ्रीकी टीम का हिस्सा रहे। इसमें उन्होंने कुल 100 विकेट अपने नाम किए।

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