- फिजिक्स में लैब बंद होने के चलते स्टूडेंट्स की घटेगी संख्या

- चालीस में पांच पहले चले गए और एमफिल में भी केवल छह

- कर्मचारियों को न प्रमोशन दिया गया और न ही भर्ती किए

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में फिजिक्स डिपार्टमेंट की लैब को बंद करने के निर्देश के बाद स्थिति खराब होने जा रही है। साइंस के स्टूडेंट्स रिसर्च वर्क लैब में करते हैं, लेकिन लैब ही बंद होने के बाद स्टूडेंट्स का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। पहले ही स्टूडेंट्स की संख्या यहां काफी कम है और अब लैब बंद होने से और भी कम हो जाएगी। जो भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी पर एक दाग की तरह साबित होगा।

यह है डिपार्टमेंट

यूनिवर्सिटी कैंपस में फिजिक्स डिपार्टमेंट के अंदर मौजूद एमएससी की लैब बंद करने के लिए निर्देश दिए गए। जहां इस डिपार्टमेंट में पहले प्रोफेसर की कमी थी, जिसके चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। जहां एमएससी फ‌र्स्ट ईयर में बीस और सेकंड ईयर में बीस स्टूडेंट्स होते हैं। लेकिन इस बार स्टूडेंट्स की संख्या घटकर कुल फ्भ् ही रह गई। वहीं एमफिल में दस स्टूडेंट्स में से केवल छह ही स्टूडेंट्स बचे हैं। जो किसी न किसी कारण यहां नहीं रहे। इसमें सबसे बड़ी कमी फिजिक्स लैब की है। जो आगे आने वाले समय में और भी दिक्कत करने वाली है।

कर्मचारियों का न प्रमोशन न भर्ती

फिजिक्स डिपार्टमेंट लंबे समय से कर्मचारियों की कमी चल रही है। लैब को संभालने के लिए एक टेक्नीशियन और दो असिस्टेंट की जरूरत होती है। दो लैब के लिए करीब छह कर्मचारी चाहिए। लेकिन यहां की हालत काफी खराब है। एक ही कर्मचारी दोनों लैब संभाल रहा है। इससे पहले ख्0क्ख् में एक कर्मचारी रिटायर हो चुका है। अब केवल एक ही कर्मचारी लैब संभाल रहा है। जिसने सालों से अपनी फाइल प्रमोशन के लिए लगा रखी है। इसके बावजूद उसका प्रमोशन नहीं किया गया। वहीं एचओडी ने वीसी से बात करके वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कहा, लेकिन प्रभारी रजिस्ट्रार ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और लैब को बंद करना पड़ा।

ऐसे नहीं चल पाएगा डिपार्टमेंट

लैब बंद होने से स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित होनी तय है। साइंस सब्जेक्ट्स के किसी भी स्टूडेंट्स के लिए लैब के बिना रिसर्च वर्क करना आसान नहीं है। डिपार्टमेंट में कर्मचारियों की कमी के कारण लैब बंद करने से पढ़ाई पर दिक्कत आनी तय है। करोड़ों रुपए की मशीनें मंगाई गई, लेकिन हालत लैब के अंदर ही रखी रह गई। डिपार्टमेंट में पहले प्रोफेसर की कमी थी और अब वह पूरी हुई तो कर्मचारियों की कमी खलने लगी। लैब बंद होने के कारण आगे आने वाले सेशन में दिक्कतें और भी आ सकती हैं। जिसको लेकर डिपार्टमेंट में चिंता नजर आ रही है।

मै कई साल से यहां प्रमोशन के लिए लगा हूं। मेरी फाइल बहुत मोटी हो गई है, पता नहीं चलता यूनिवर्सिटी क्या कर रही है। मैं अकेला लैब देख रहा था, जबकि कई और कर्मचारियों की जरूरत है। पहले भी लैब बंद करने के आदेश थे, लेकिन लिखित में इस बार आए तो बंद कर दी गई।

- एलपी द्विवेदी, लैब असिस्टेंट, फिजिक्स डिपार्टमेंट

मैं ख्0क्ख् में रिटायर हुआ था। इसके बाद भी लैब का काम देख रहा था। मुझे काम की सेलरी ही नहीं मिली। लैब बंद होने से पढ़ाई पर काफी फर्क पड़ेगा। पहले ही स्टूडेंट्स कम हैं अब और हो जाएंगे।

- मुकेश कुमार, रिटायर्ड सीनियर लैब टेक्नीशियन, फिजिक्स डिपार्टमेंट सीसीसएयू मेरठ