RANCHI : मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय से बच्चा बेचने के मामले का खुलासा करने वाली चाइल्ड वेलफेयर कमिटी(सीडब्ल्यूसी) खुद कठघरे में है। सीडब्ल्यूसी से चाइल्ड लेबर की फाइल ही गायब हो है। यह फाइल कैसे गायब हुई? अपने आप में सीडब्ल्यूसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब रांची पुलिस व सीआईडी ने मामले की जांच के लिए फाइल की डिमांड की।

बच्चों की जानकारी

अभी हाल ही में निर्मल हृदय की हिनू शाखा में छापेमारी कर वहां से 22 बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। सीडब्ल्यूसी छापेमारी के बाद यह प्रयास कर रही थी कि 22 बच्चे का स्थायी और उससे पूर्व बच्चे कहां है, इसका रिकॉर्ड बना लें, ताकि कोर्ट में पेश किया जा सके। इसी बीच, फाइल गायब होने की बात सामने आई है। एक मेम्बर के मुताबिक, गायब फाइल ने कर्मियों को संदेह के घेरे में लाकर खड़ कर दिया है। इस संबंध में कोई भी मेम्बर मुंह खोलने को तैयार नही हैं। उस फाइल में निर्मल हृदय से लेकर तमाम शेल्टर होम में रह रहे नाबालिग की डिटेल थी।

जनवरी 2017 से अप्रैल 2018 तक देना है रिकॉर्ड

जानकारी के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी को जनवरी 2017 से लेकर अप्रैल 2018 तक के बच्चों का रिकॉर्ड देना है, ताकि उनकी लिस्ट बनाई जा सके। पर, फाइल गायब होने से यह मामला उलझता जा रहा है। हो सकता है कि इस फाइल की मिसिंग रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज करानी पड़े। उक्त रिकॉर्ड को कोर्ट व सीआईडी के सुपुर्द करना है, ताकि मामले की विधिवत जांच हो सके।

आखिर कौन है चोर

जानकारी के मुताबिक, चाइल्ड लेबर से संबंधित मामलों की फाइल सीडब्ल्यूसी में कार्यरत एक महिला और एक पुरुष मेंबर के अधीन थी। आखिर इस फाइल के गायब होने का फायदा किसको मिलने वाला है, जिसे गायब कर दिया गया। यह सवाल उठना लाजिमी है।