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RANCHI: रांची जिले के चान्हो प्रखंड के नरकोपी थाना क्षेत्र के बयासी गांव में एक बच्चा को बेचने का मामला बाल संरक्षण आयोग के संज्ञान में आया है। पीडि़त मां ने बच्चा बेचने का आरोप बयासी उप स्वास्थ्य केंद्र की महिला एएनएम नूरजहां पर लगाया है। महिला का आरोप है कि नौ माह पूर्व उसने एक बेटे को उप स्वास्थ्य केंद्र बयासी में जन्म दिया था तब उसकी स्थिति बहुत ही गंभीर थी। उसका पति कमाने के लिए ईट भट्ठा गया हुआ था। ऐसी स्थिति में 10 हजार रुपए देकर बच्चे को एएनएम ने अपनी कस्टडी में ले लिया।

सरकारी योजना का दिया झांसा
सरकारी योजना(जिसमें जच्चा-बच्चा की देखभाल करने का सरकार की योजना) का झांसा देकर एएनएम ने बच्चे को अपनी कस्टडी में ले लिया और कहा कि जब मां और बच्चा ठीक हो जाए, तब तीन-चार माह के बाद बच्चा वापस कर दिया जाएगा। साथ ही सरकार का आदेश बताकर दस हजार रुपए देकर कचहरी में धोखे से किसी कागजात पर हस्ताक्षर भी करवा लिया। चार-पांच महीने के बाद जब पीडि़ता ने बच्चे को वापस मांगा तो एएनएम और उसके पति ने बच्चा देने से इनकार कर दिया और किसी को बताने पर बच्चा बेचने के आरोप में जेल भेजने और जान से मारने की धमकी तक दे डाली।

थाने में भी की थी शिकायत
पीडि़ता का कहना है कि उसने इसकी शिकायत नरकोपी थाना में भी की था, लेकिन वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर ने बच्चा बेचने के मामले को गंभीरता से लेते हुए रांची उपायुक्त राय महिमापत रे, एसएसपी अनीश गुप्ता को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने एवं बच्चे की बरामदगी कर मां को सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ इसकी रिपोर्टिग पांच दिनों के अंदर आयोग को करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में मैंने डीसी समेत पुलिस अधिकारियों को बच्चा बरामदगी के संबंध में निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ पांच दिनों के अंदर रिपोर्ट देने की बात कही गई है.
आरती कुजूर, अध्यक्षा, बाल संरक्षण आयोग झारखंड