-झारखंड के साहबगंज जिले के तीन पहाड़ मोहल्ले के बच्चे शहर में चोरी कर रहे गहने और मोबाइल फोन

-शादी-पार्टी में घुसकर करते हैं वारदात, बाल कल्याण समिति ने किया खुलासा

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amarendra.pandey@inext.co.in

GORAKHPUR: अगर शादी-पार्टी में महंगे गहने और स्मार्टफोन लेकर जाते हैं तो सावधान हो जाइए। 6-14 साल के मासूम दिखने वाले बच्चे आपके गहने और फोन पलक झपकते इस तरह उड़ा देंगे कि आप भांप ही नहीं पाएंगे। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने खुलासा किया है कि इन दिनों शहर में झारखंड के साहबगंज जिले के तीन पहाड़ के ऐसे बच्चे एक्टिव हैं जो शादी-पार्टी में चोरियों को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन मासूम बच्चों से इस तरह के कार्य कराने में कहीं न कहीं किसी बड़े सरगना का हाथ है, जो एक बड़े रैकेट के तहत काम करवा रहा है।

गोरखपुर में डाले हैं डेरा

बाल कल्याण समिति ने खुलासा किया है कि झारखंड स्थित साहबगंज जिला के राजमहल एरिया के कई बच्चे इन दिनों गोरखपुर में डेरा डाले हुए हैं। 6-14 साल के ये बच्चे शहर की शादी-पार्टी हो या फिर गांव या कस्बे की पार्टी, हर जगह चोरियों को अंजाम दे रहे हैं। ये पार्टी में 4-5 की संख्या में बड़ी मासूमियत के साथ घुस जाते हैं। उसके बाद चाहे द्वार पूजा की रस्म हो या फिर जयमाला की रस्म, इसी बीच में हाथ साफ करते देते हैं। इनके निशाने पर जेवर पहनी महिलाएं और महंगे स्मार्टफोन यूज करने वाले लोग होते हैं।

आए दिन पकड़े जा रहे मासूम

शादी-पार्टी में गायब होने वाले गहने और मोबाइल फोन की रिपोर्ट जब 100 नंबर या फिर पुलिस के पास जाती है तो पीडि़त पक्ष बच्चों का हुलिया बताता है। इस आधार पर पुलिस भी इन बच्चों की छानबीन करती है लेकिन जब ये बच्चे पुलिस के हाथ चढ़ते हैं तो उन्हें बाल संरक्षण गृह में लाया जाता है। जहां उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने के बाद बाल कल्याण समिति के सदस्यों के पास पेश किया जाता है। डेली अगर 30-35 बच्चों के मामलों का निस्तारण किया जाता है तो इनमें से 5-6 बच्चे झारखंड के साहबगंज जिले के तीन पहाड़ मोहल्ला के निकलते हैं, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बताया कि इन बच्चों के पैरेंट्स को झारखंड से बुलाया जाता है। उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही काउंसलिंग कर वापस भेजा जाता है। बाल अपराध में शामिल इन बच्चों के मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्य सुबह 10 से शाम 4 बजे तक कार्रवाई के साथ-साथ पैरेंट्स के साथ काउंसलिंग की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। चार सदस्यीय टीम की मानें तो झारखंड का कोई गैंग है जो इन बच्चों से ये काम करवा रहा है।

ये चार सदस्यीय टीम करती है फैसला

चेयरपर्सन- एसके सिंह, रिटाडर्य जज

सदस्य - डॉ। एमएन गुप्ता

सदस्य - डॉ। रेखारानी सिंह

सदस्य - सुनील सिंह

ये बरतें सावधानी

- शादी-पार्टी में जाते वक्त महंगे गहने पहनने से बचें

- हो सके तो आर्टिफिशियल गहने पहनकर निकलें

- नाक, कान के बड़े दहने पहनने से बचें

- शादी पार्टी में दिखने वाले छोटे बच्चे अगर आपके आसपास में हों तो उनसे सावधान रहें

- अनजान बच्चों से हो सके तो फोटो खींचने के लिए मोबाइल न पकड़ाएं।

केस 1

राजेंद्रनगर स्थित एक मैरिज हाल में विवाह समारोह के दौरान छोटे-छोटे बच्चों की टीम ने एक महिला का मोबाइल फोन गायब कर दिया। इसी बीच मैरिज हॉल के गेट तक पहुंचते ही बच्चों को गेट पर लगे दरबान ने शक के आधार पर पकड़ा तो मोबाइल फेंक कर भाग निकले।

केस 2

कूड़ाघाट एरिया में रवि प्रकाश के यहां विवाह समारोह के दौरान कुछ बच्चों के गु्रप ने एक छोटी सी बच्ची के पैर की पायल चुरा ली। पायल चुराने की घटना के बाद परिवार के सदस्यों को काफी देर बाद पता चला कि कुछ बच्चों के बीच में उनकी बच्ची खेल रही थी तभी यह घटना हुई। शक के आधार पर बच्चे किस रिश्तेदार के थे इस बात का पता भी लगाया तो पता चला कि वे बच्चे कहीं दूसरे जगह से आए थे।

इन शेल्टर होम में रखे जाते हैं बच्चे

शेल्टर होम क्षमता संख्या

प्रतीक्षा शेल्टर होम, खोराबार 50 29

आसरा शेल्टर होम, कैंपियरगंज 25 18

एशियन सहयोगी संस्थान, जेल रोड 35 21

एलएसडीपी, गुलरिहा 50 41

पीजी एसएस, पादरी बाजार 50 52

सरस्वती सेवा संस्थान, गगहा 50 44

नोट - इन शेल्टर होम में लड़कियां, मंदबुद्धि बच्चे, गोद लेने वाले बच्चे, मानसिक, शारीरिक व अपंग बच्चे आदि भी रखे गए हैं।

वर्जन

झारखंड के तीन पहाड़ के बच्चे गोरखपुर में आकर चोरी का काम कर रहे हैं। इनके पैरेंट्स को बुलाकर काउंसलिंग कराई जाती है लेकिन इनकी संख्या बेहद ज्यादा है।

- डॉ। एमएन गुप्ता, सदस्य, बाल कल्याण समिति