नंबर गेम

16 हजार से अधिक शिक्षकों को ट्रेनिंग

100 कम से कम अंग्रेजी के शब्द सिखाने की तैयारी

11 फरवरी से राजधानी में शुरू होगी ट्रेनिंग

- दिसंबर से शुरू होगा शिक्षकों के लिए अंग्रेजी का प्रशिक्षण

- हर ब्लॉक के पांच स्कूलों के दो-दो शिक्षकों का होगा चयन

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LUCKNOW: अब यूपी के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी कॉन्वेंट के बच्चों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के शिक्षकों को दिसंबर से विशेष ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। इस ट्रेनिंग में अंग्रेजी माध्यम स्कूल के दो-दो शिक्षकों का शामिल होना अनिवार्य है। बीएसए डॉ। सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने इसके लिए सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना के अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम के 5440 प्राइमरी स्कूलों के 10880 उच्च प्राइमरी के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

हर स्कूल से दो टीचर
गौरतलब है कि बीते अप्रैल से कॉन्वेंट स्कूलों की तरह प्रत्येक ब्लॉक में पांच-पांच सरकारी प्राइमरी स्कूल अंग्रेजी माध्यम में चलाए जा रहे हैं। इन स्कूलों के बच्चे अंग्रेजी ठीक से पढ़ें, बोलें और समझें इसके लिए यहां के शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। दो-दो शिक्षकों को संपर्क फाउंडेशन के सहयोग से इंग्लिश फाउंडेशन प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी।

स्वयंसेवी संगठन को दिया काम
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस काम की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्था संपर्क फाउंडेशन को दी है। संपर्क फाउंडेशन के स्टेट प्रोग्राम हेड अमित कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम में शिक्षकों को बताया जाएगा कि किस तरह बच्चों को आसानी से अंग्रेजी सुनना, समझना, पढ़ना और बोलना सिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक साल में क्लास एक से तीन तक का बच्चा कम से कम 100 अंग्रेजी के शब्दों को सीखे और कुछ वाक्य बोलना भी शुरू कर दे। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के बाद शिक्षकों को एक आडियो डिवाइस भी दी जाएगी, जिसे बच्चों को सुनाकर उन्हें शरीर के अंगों से लेकर बाकी काफी जानकारियां भी दी जा सकेंगी।

11 फरवरी से राजधानी में प्रशिक्षण
वैसे तो शिक्षकों की ट्रेनिंग 10 दिसंबर से शुरू होगी लेकिन राजधानी में यह प्रशिक्षण 11 से 14 फरवरी तक होगा। बीएसए अमरकांत सहाय ने बताया कि सर्दी में दिन छोटा होने और एनुअल एग्जाम की तैयारियों को देखते हुए फरवरी में ट्रेनिंग कराई जाएगी। ताकि नए सेशन अप्रैल में पहले दिन से ही स्टूडेंट्स को अंग्रेजी की क्लास में बैठाया जा सके।