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RANCHI: सिटी के नौनिहालों द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण ये लोग काल के गाल में समा रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले ज्यादातर लोग 20 से 40 वर्ष के बीच की उम्र के हैं और दुर्घटना के वक्त इनके सिर पर हेलमेट नहीं थे। ठीक वैसे ही हालात चारपहिया वाहनों के साथ भी है। जिन दुर्घटनाओं में चारपहिया वाहन क्षत्रिग्रस्त हो रहे हैं उनमें अधिकतर लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखा था। इस जरा सी लापरवाही के कारण कई घरों के चिराग बुझ गए। पुलिस लगातार सड़क सुरक्षा पर अवेयरनेस कार्यक्रम चला रही है, चेकिंग हो रही है लेकिन नतीजा सिफर ही रह रहा है।

हादसे को बयां करते आंकड़े
झारखंड में पिछले साल 5198 सड़क हादसे हुए। इनमें 3256 लोगों की जान गई। दोपहिया वाहनों के 18 हादसे हुए जिनमें 1065 लोग मारे गए। इनमें 443 लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि उनलोगों ने हेलमेट नहीं पहना थ। वहीं, चार पहिया के 618 हादसे हुए जिनमें 383 लोगों की जान गई। इनमें से 141 लोगों ने सीट बेल्ट नहीं बांधा था। वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में 266 हादसे ज्यादा हुए हैं और मृतकों की संख्या में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में हुए इस खुलासे के बाद रांची जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद उड़ गई है।

हादसों से मौतों में टॉप 5 राज्य
सड़क दुर्घटना में मौत के मामलों में पूरे देश में इन पांच राज्यों को टॉप पर रखा गया है। यूपी में जहां 38783 हादसे हुए और उसमें 20124 लोगों की मौत हुई, वहीं मप्र में 53399 हादसे हुए जिनमें 10177 लोगों की मौत हुई। बिहार में 8855 हादसों ने 5554 लोगों को शिकार बनाया और झारखंड में कुल 5198 हादसों में 3256 लोगों की मौत हुई। इनके अलावा ओडि़शा में 10855 हादसे हुए, जिसमें 4790 लोगों की मौत हुई।

गड्ढे व सड़क निर्माण है वजह
राज्य के नेशनल हाईवे पर हादसों में कमी आई है, लेकिन मौत में इजाफा हुआ है। 2017 में 1828 हादसे हुए जबकि 2016 में 1935 एक्सीडेंट्स हुए थे। यानी 107 हादसों की कमी आयी लेकिन मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2016 में 1222 लोगों की मौत हुई थी, जबकि पिछले साल 1250 लोग मारे गए। इनमें अधिकतर मौतें सड़कों पर बने गढ्डों और सालों से चल रहे सड़क निर्माण के कारण हुई हैं।

सड़कों पर सालों से निर्माण कार्य चल रहा है ऐसे में लोग लगातार दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए और सड़क पर पूरी सतर्कता के साथ वाहन चलाना चाहिए.
आशुतोष गोस्वामी

हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। एक्सीडेंट को रोका नहीं जा सकता लेकिन सुरक्षा जरूर करनी चाहिए। सड़कों की जर्जर हालत और सालों से चल रहे निर्माण कार्यो की जांच कराई जानी चाहिए।
कुणाल गौरव