बीजिंग (आईएएनएस)। अमेरिका और ताइवान के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने चार दशक में पहली बार मुलाकात की। इस पर चीन ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिका और ताइवान के सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई बैठक का कड़ा विरोध करता है। इसके साथ उसने यह भी कहा है कि अगर बीजिंग के साथ वाशिंगटन को संबंध बेहतर रखने हैं तो उसे ताइवान के साथ किसी भी आधिकारिक संपर्क को रोकना होगा। बता दें कि ताइवान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि 13 से 21 मई के बीच ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख डेविड ली ने अमेरिका में वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के साथ एक बैठक की। इस दौरान आपसी सहयोग और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। 1979 के बाद दोनों पक्षों के बीच इस तरह की यह पहली मुलाकात थी।

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ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन

अमेरिका और ताइवान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की इस बैठक पर चीन भड़क गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'हम अमेरिका और ताइवान के बीच हुई किसी भी आधिकारिक संपर्क का कड़ा विरोध करते हैं। चीन इससे असंतुष्ट। हम चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार ताइवान से किसी भी तरह का संपर्क ना रखे। इससे  हमारे बेहतर संबंधों पर खास फर्क पड़ सकता है। बता दें कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। यही कारण है कि इस बैठक को लेकर अमेरिका-चीन की तनातनी बढ़ सकती  है। ट्रेड वार की स्थिति, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण पहले ही दोनों के संबंधों में खटास आई है।

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