दोनों देशों ने किए हैं कई समझौतों पर हस्ताक्षर, उन्हें निभाना भी उनकी जिम्मेदारी

बीजिंग (पीटीआई)। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार का बड़ा वाहक बन सकता है। इसका कारण है कि संगठन उन्हें अपने द्विपक्षीय रिश्तों को बनाने का बेहतर मंच और अवसर मुहैया कराता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक अनसुलझे मसले

सरकारी सीजीटीएन को दिए साक्षात्कार में वांग ने कहा, 'हम जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कई वर्तमान और ऐतिहासिक अनसुलझे मसले हैं। लेकिन एससीओ में शामिल होने के बाद उन्हें कई समझौतों पर हस्ताक्षर और संकल्प करने पड़े हैं। प्रमुख आधारों में एक (एससीओ में शामिल होने के) अच्छे और दोस्ताना संबंध हैं। उन्हें एक-दूसरे को विरोधी या शत्रु के तौर पर नहीं देखना चाहिए।

बन सकता है दोनों देशों के बेहतर संबंध की महत्वपूर्ण कड़ी

चूंकि उन्होंने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं इसलिए उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है। मुझे लगता है कि एससीओ दो देशों के संबंधों को बेहतर बनाने का बड़ा वाहक बन सकता है। इससे क्षेत्र की शांति और स्थायित्व का बेहतर बचाव हो सकेगा।' वांग ने कहा कि अफगानिस्तान एससीओ की शीर्ष प्राथमिकता में है क्योंकि सभी सदस्य देशों की सीमाएं उससे लगती हैं। सभी इस बात पर सहमत थे कि संयुक्त प्रयासों के जरिये ही अफगानिस्तान में शांति और मेल-मिलाप की जारी प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सकती है।

वुहान बैठक में बनी सहमति को लागू करने पर राजी

क्विंगदाओ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बातचीत के बाद चीन ने सोमवार को कहा कि वे वुहान बैठक से पैदा 'सकारात्मक लय' को 'संजोने' और शिखर सम्मेलन में बनी 'महत्वपूर्ण आमसहमति' को लागू करने पर सहमत हुए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों के मुद्दों पर नजरिये साझा किए। वे महत्वपूर्ण आमसहमति पर भी पहुंचे।'

मोदी-चिनफिंग की बैठक से जुड़े सवाल पर कहा

उन्होंने एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी-चिनफिंग की बैठक से जुड़े सवाल पर कहा, 'दोनों नेता मानते हैं कि वुहान में उनकी अनौपचारिक बातचीत ने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।' उन्होंने कहा कि वे रणनीतिक संवाद के क्षेत्रों में आमसहमति को लागू करने, लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। शुआंग ने कहा कि बैठक वुहान अनौपचारिक सम्मेलन की तरह ही सौहा‌र्द्रपूर्ण माहौल में हुई और यह निश्चित रूप से द्विपक्षीय संबंधों के अच्छे विकास में योगदान देगी।

चीन के साथ मजबूत कारोबारी संबंध, ड्रैगन को घेरने में अमेरिका के साथ नहीं आएगा भारत

तनाव कम करने के लिए हॉटलाइन से जुड़ेंगी भारत और चीन की सेनाएं

International News inextlive from World News Desk