विसंगतियों को किया गया दूर, कई क्षेत्रों के रेट्स में हुआ बदलाव

23 जुलाई को होगा शिकायतों और सुझावों का निस्तारण

सब रजिस्ट्रारवार सर्वे रिपोर्ट जारी, विभिन्न कार्यालयों में है लिस्ट

13 से 16 हजार प्रतिवर्ग मीटर हैं आसपास के जिलों की दरें

597.70 करोड़ रुपये सालाना का टारगेट था वित्तीय वर्ष 2016-17 में

2017-18 में शासन ने मेरठ का टारगेट नहीं बढ़ाया

599 करोड़ रुपए है 2018-19 में रजिस्ट्री विभाग का टारगेट बढ़ाकर

Meerut। कहीं मोहल्लों की सर्किल दरें ज्यादा हैं तो वहीं सड़क पर प्रॉपर्टी की कीमत कम है। कहीं कॉमर्शियल की दरें, आवासीय से कम हैं। ऐसी तमाम विसंगतियों को दूर करते हुए रजिस्ट्री विभाग ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित सर्किल दरों को जारी कर दिया गया। 1 अगस्त से लागू होने वाले सर्किल रेट्स को लेकर जिला प्रशासन ने शिकायतें और सुझाव मांगे हैं। 23 जुलाई को निस्तारण के बाद प्रस्तावित सर्किल रेट्स को अंतिम रूप मिलेगा। रजिस्ट्री विभाग का दावा है कि सर्किल दरों को बढ़ाया नहीं गया बल्कि विसंगतियों को दूर किया गया है, ऐसे में कहीं-कहीं पर 5-15 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है।

यहां हुआ बदलाव

सब रजिस्ट्रार (सदर-1)

नगरीय क्षेत्रों के 19 ऐसे क्षेत्रों के सर्किल रेट्स में संशोधन किया गया जिनमें विसंगतियां थीं। तकनीकि ऑडिट पर सर्किल दरों को रिवाइज किया गया है।

सब रजिस्ट्रार (सदर-2)

कुछ क्षेत्रों में संशोधन के साथ सीमा विस्तार के बाद नगर निगम और प्राधिकरण की सीमा में शामिल हुए क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क को अब 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। मोहल्लों और सड़क के किनारों को 5 से 10 प्रतिशत रेट्स में समायोजित किया गया है।

सब रजिस्ट्रार (सदर-3)

34 स्थानों पर सर्किल दरों को समतुल्य किया गया है।

सब रजिस्ट्रार (सदर-4)

नगरीय क्षेत्रों मं 20 स्थानों पर सर्किल दरों को समतुल्य किया गया। 4 स्थानों पर सर्किल दरों में संशोधन किया गया।

सब रजिस्ट्रार कार्यालय (मवाना)

सर्किल रेट्स की विसंगतियों को दूर किया गया। वृद्धि नहीं।

सब रजिस्ट्रार कार्यालय (सरधना)

शहर से सटे क्षेत्रों में जहां कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनियां विकसित की गई हैं, ऐसे एक दर्जन से अधिक स्थानों पर 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

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बढ़ गई निर्माण की दरें

प्रस्तावित सर्किल दरों में निर्माण की दरों का बढ़ाया गया है। एआईजी स्टांप वीके तिवारी ने बताया कि मेरठ के अलावा आसपास के जनपदों में निर्माण की दरें 13 हजार से 16 हजार प्रतिवर्ग मीटर हैं किंतु मेरठ में ये दरें 10 हजार से 11 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर हैं। ऐसे में सर्किल रेट्स न बढ़ाते हुए रजिस्ट्री विभाग ने निर्माण की दरों को बढ़ा दिया है। मेरठ में निर्माण दर अब साढ़े 12 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर होंगी।

2 साल बाद बढ़ेंगी दरें

दो साल बाद मेरठ में सर्किल दरें बढ़ेंगी। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा रजिस्ट्री विभाग को टारगेट बढ़ाकर 597.70 करोड़ रुपये सालाना किया था, टारगेट बढ़ने से सर्किल दरों में भी इजाफा हुआ और यह 10 से 15 प्रतिशत तक बढीं। वित्तीय वर्ष 2017-18 में शासन द्वारा मेरठ का टारगेट नहीं बढ़ा तो सर्किल रेट्स भी एज-इट-इज रहे। वित्तीय वर्ष 2018-19 में रजिस्ट्री विभाग का टारगेट बढ़ाकर 599 करोड़ रुपए कर दिया गया है। ऐसे में रजिस्ट्री विभाग ने कुछ स्थानों पर सर्किल दरों की विसंगतियों को दूर करने के लिए 5 से 15 प्रतिशत तक सर्किल दरें बढ़ा दी हैं।

यहां मिलेंगी प्रस्तावित दरें

एआईजी स्टांप ने बताया कि सर्किल रेट्स की प्रस्तावित दरें जनपद के विभिन्न सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अलावा कलक्ट्रेट स्थित एआईजी स्टांप कार्यालय पर मिलेंगी। जनसामान्य निश्चित स्थलों से प्रस्तावित सर्किल दरों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे।

यहां करें शिकायत

प्रस्तावित सर्किल दरों के संबंध में शिकायत और सुझाव सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालय, कलक्ट्रेट स्थित एआईजी स्टांप कार्यालय, डीआईजी स्टांप कार्यालय और एडीएम फाइनेंस कार्यालय में कर सकते हैं। शिकायतों का निस्तारण 23 जुलाई को डीएम अनिल ढींगरा की मौजूदगी में किया जाएगा। निस्तारण के बाद संशोधित सर्किल दरों को जारी किया जाएगा।

प्रस्तावित सर्किल दरों को जारी कर दिया गया है। सर्किल रेट्स में बढ़ोत्तरी करने के बजाय विसंगतियों को दूर किया गया है। 23 जुलाई को डीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शिकायतों और सुझावों की सुनवाई होगी।

वीके तिवारी, एआईजी स्टांप, मेरठ