-जन्मदिन मनाने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस आए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया रिर्टन गिफ्ट

-577 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

VARANASI

बीएचयू के एम्फीथिएटर में मंगलवार को प्रधानमंत्री ने सभा की शुरुआत में ही 577 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी को पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित किया जाएगा। कहा कि काशी में रिंगरोड की चर्चा वर्षो से थी मगर योजना को फाइलों में दबा दिया गया था। 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद कोशिशें शुरू हुई तो प्रदेश की सरकार ने इसे दबाए रखा। योगी सरकार बनने के बाद रिंगरोड बनना शुरू हुआ और डेढ़ साल में यह काम तेजी से आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि हरहुआ से गाजीपुर के अलावा हरहुआ से राजातालाब और चंदौली तक को जोड़ा जाएगा। गंगा पर एक नया पुल भी बनेगा जिससे शहर में आने वाले ट्रक बाहर-बाहर निकल जाएंगे। मोदी ने कहा कि काशी रिंगरोड से आसपास के जिलों के अलावा बिहार, नेपाल, मध्य प्रदेश और झारखंड को भी फायदा पहुंचेगा।

उपहार पाकर हुए गदगद

पीएम मोदी ने लाभार्थी ओंकारनाथ प्रसाद को मधुमक्खी पालन बॉक्स, बुनकर संदीप सिंह को रेडी बार्प मशीन और शशिकांत को इलेक्ट्रिक चाक प्रतीक स्वरूप भेंट किया। पीएम के हाथों उपहार पाने सभी गदगद थे। मोदी ने कहा कि गंगा के लिए गंगोत्री से गंगासागर तक 21 हजार करोड़ रुपये की 200 से अधिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं। अकेले बनारस में 600 करोड़ की परियोजनाएं पूरी ही होने वाली हैं। इनके पूरा होते ही गंगा में शहरी सीवर और गंदगी सीधे गिरना बंद हो जाएंगी।

इन योजनाओं का लोकार्पण

- शहरी विद्युत सुधार कार्य, पुरानी काशी- 36200 लाख रुपये

- 3722 मजरो में विद्युतीकरण का काम- 8461 लाख रुपये

- 90 हजार मीटर लगाने का काम सिंगल फेज के- 990 लाख रुपये

- 33 गुणे 11 केवी विद्युत उपकेंद्र बेटावर का निर्माण- 280 लाख रुपये

- 33 गुणे 11 केवी विद्युत उपकेंद्र कुरुसातो का निर्माण- 258 लाख रुपये

- नागेपुर ग्राम पेयजल योजना- 274 लाख रुपये

- अटल इन्क्यूबेशन सेंटर- 2000 लाख रुपये

- 260 विद्युत चालित चाक कुंभकारी उद्योग के तहत, आधुनिक भट्ठी का आवंटन- 98 लाख रुपये

- 500 मधुमक्खी बाक्स का आवंटन हनी मिशन के तहत- 53.25 लाख रुपये

- 3 रेडीबार्प मशीन का आवंटन खादी व सोलर वस्त्र के अंतर्गत- 7.50 लाख रुपये

इनका शिलान्यास

- बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना- 1200 लाख रुपये

- रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ आफ्थेल्मोलाजी- 3800 लाख रुपये

- 132 केवी विद्युत उपकेंद्र चोलापुर, क्षमता 2 गुणे 40 एमवीए का निर्माण- 2308 लाख रुपये