फ्लैग: संकट से बचने के लिए पैदा कर लिया संकट

- कानपुर की बैंकों पर भी कैश का संकट छाया, कई बड़े बैंकों के एटीएम खाली, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया रिएलिटी चेक

- बैंकों की करेंसी चेस्ट से ही कम नकदी की सप्लाई, नकदी के संकट से बचने के चक्कर में ही खड़ा हुआ संकट

KANPUR: यूपी समेत पूरे उत्तराखंड में नकदी की सप्लाई भले ही कानपुर आरबीआई से होती हो, लेकिन यह शहर भी अब नकदी के संकट से अछूता नहीं है। करेंसी की किल्लत ने शहर के ज्यादातर एटीएम को खाली कर दिया है। हालांकि आरबीआई से जुड़े सूत्रों की माने तो कैश की कोई प्रॉब्लम नहीं है बल्कि एक रणनीति के तहत यह किया गया है। जिससे डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा 2 हजार रुपए के नोट जोकि ऐसा माना जा रहा है कि चलन में कम हुए हैं। वह दोबारा मार्केट में आ सके, इसके लिए करेंसी की सप्लाई अघोषित रूप से कम हुई है।

एटीएम पर लेस कैश का असर

भले की आधिकारिक रूप से बैंक करेंसी की किल्लत की बात न मानें, लेकिन मंगलवार को कैश की किल्लत का असर साफ तौर से ज्यादातर बैंकों के एटीएम पर दिखाई पड़ा। एसबीआई से लेकर, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, यूनियन बैंक हो या फिर बैंक ऑफ इंडिया कई जगहों पर इनके एटीएम सुबह से ही खाली पड़े रहे। मोतीझील के पास एसबीआई के बंद पड़े एटीएम के गार्ड से बातचीत की गई तो उसने बताया कि कल से मशीन में कैश डालने कोई आया ही नहीं। जिसके बाद एटीएम में कैश खत्म हो गया।

कई एटीएम छाने नहीं मिला कैश

साउथ सिटी में भी ज्यादातर जगहों पर एटीएम खाली रहे। साकेत नगर निवासी मोहित गुप्ता ने बताया कि उन्हें 20 हजार रुपए की जरूरत थी। क्षेत्र में कई एटीएम हैं, दोपहर के वक्त वह एसबीआई, आईडीबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक के एटीएम में गए, लेकिन सभी खाली थे।

पहले सिक्के भरे अब कैश की किल्लत

सिटी में कुछ दिनों पहले तक ज्यादा रेजगारी की प्रॉब्लम थी। व्यापारियों से लेकर सामान्य नौकरीपेशा लोगों में भी शिकायतें थी। इसमें कुछ बैंकों की भी रेजगारी जमा करने को लेकर शिकायतें मिलीं। हालांकि आरबीआई की तरफ से इसमें साफतौर पर दिशा निर्देश बैंकों को जारी किए कि वह रेजगारी जमा करें। वहीं अब कैश की किल्लत होने की बात सामने आ रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक सीनियर बैंक अफसर ने बताया कि आरबीआई ने नोटबंदी के दौरान जितना कैश मार्केट से निकाला था, उसका 99 फीसदी बाजार में 2000, 500, 200 रुपए के नए नोटों के रूप में वापस आ चुका है। उन्होंने माना कि 2 हजार के नोटों की डंपिंग हुई है। जिसकी वजह से मार्केट में इन नोटों का चलन कुछ कम हुअा है।

कैशलेस ट्रांजेक्शन करें

आरबीआई की माने तो करेंसी की कोई प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन एक रणनीति के तहत कैश के फ्लो को कम जरूर किया गया है। जिससे कि लोग कैशलेस डिजिटल ट्रांजेक्शन को फिर से बढ़ावा दें। आरटीजीएस, निफ्ट और चेक पेमेंट को बढ़ाएं। ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करें।