Rahul Tripathi

लेकिन विकास नगर डिपो में खड़ी छह एसी बसों की कंडीशन इतनी खराब है कि एड़ी-चोटी का जोर लगाकर भी उन्हें नौ जून तक ठीक नहीं किया जा सकता। अगर आलम ऐसा ही रहा तो इस भयंकर गर्मी में पैसेंजर्स के लिए बड़ी समस्या पैदा होने वाली है।

बसें तो बीमार खड़ी हैं

कुछ दिन पहले तक विकास नगर डिपो में आठ लो-फ्लोर एसी बसें खराब पड़ी थीं। लेकिन एसी कंप्रेसर रिपेयर करने के  बाद बुधवार को दो एसी बसों को रूट पर लगा दिया गया। अभी भी डिपो में बस नं यूपी 78 बीटी 5394, यूपी 78 बीटी 5396, यूपी 32 सीजेड 4735, यूपी 78 सीजेड 4727, यूपी 78 बीटी 5389 और यूपी 32 सीजेड 4728  खराब खड़ी हैैं। इन बसों में एसी कम्प्रेसर, इंजन, बैट्री, टायर से रिलेटेड खराबी हैं।

पाट्र्स कहां से लाएं

सिटी के कम्युटर्स लंबे अरसे से लो फ्लोर बसों के दीदार के लिए तरस रहे हैैं। लेकिन एसी बसें खड़ी-खड़ी डिपो की हवा खा रही हैं। बस एक बार खराब होती है, तो उसे रिपेयर होने में महीनों लग जाते हैैं। कुछ बसें तो ऐसी हैैं जो खराब होने के  बाद आज तक नहीं ठीक हो पाईं। गोल्डस विकास नगर वर्कशॉप के सर्विस मैनेजर केके सिंह चंदेल ने बताया कि लो-फ्लोर एसी बसों के पाट्र्स न मिल पाने के  कारण बसें नहीं बन पा रही हैैं। टायर ट्यूब और बैटरी की भी बहुत समस्या है।

सिर्फ तीन दिन का समय

डिपो में खड़ी एसी बसों की हालत इतनी खस्ता है कि नौ जून तक उन्हें किसी भी सूरत में ठीक नहीं किया जा सकता। गोल्डस वर्कशॉप के सर्विस मैनेजर केके सिंह चंदेल ने बताया कि दो एसी बसों के  कम्प्रेसर बनने के लिए मुम्बई भेजे गए हैैं। कम्प्रेसर एक हफ्ते से पहले रिपेयर होकर आ पाना मुश्किल है।

Officer speaks

एसी बसें तो खराब खड़ी हैैं। कोशिश तो की जा रही है नौ जून तक बसों को रूट पर ले आएं। लेकिन तब तक रिपेयर हो पाने की उम्मीद कम ही है।

-आरवी विश्वकर्मा, एआरएम, फजलगंज डिपो