-रोडवेज बसों पर चल रहा है आरटीओ-पुलिस का चाबुक, नो पार्किंग के नाम पर हो रहा बसों का चालान

-डग्गामार वाहनों की नहीं हो ही धरपकड़, कलेक्ट्री फार्म से कैंट तक दौड़ रहे डग्गामार वाहन

बनारस जिला प्रशासन की कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठने लगे है। कैंट-लहरतारा फ्लाईओवर हादसे के बाद से बंद हुए रास्ते के चलते रोडवेज को जहां रोजाना दस लाख रुपये की चपत लगी रही तो वहीं कोढ़ में खाज का काम आरटीओ व पुलिस प्रशासन मिलकर कर दे रहा। रोडवेज की बसों का चालान पर चालान हो रहा और उधर, डग्गामार वाहनों पर आरटीओ व पुलिस प्यार ही प्यार लुटा रहा। ऐसा इसलिए भी कि जून माह में आरटीओ व पुलिस ने नो पार्किंग के नाम पर रोडवेज की लगभग दस बस और सिटी सर्विसेज की लगभग पंद्रह बसों का चालान किया। यानि कि रोडवेज की कुल 25 बसों का चालान किया गया। जुलाई शुरूआत में भी तीन बस का मडुवाडीह पुलिस ने चालान किया था।

आखिर इन्हें किसकी छूट?

शहर में जाम से निबटने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्लैनिंग कर रही। इलाहाबाद रूट पर चलने वाली रोडवेज की बसों को शहर में इसलिए इंट्री नहीं दिया गया कि शहर में जाम लग जा रहा। रोडवेज कैंट से निकलकर बस मलदहिया, सिगरा, रथयात्रा, महमूरगंज, मडुवाडीह, लहरतारा होते हुए कलेक्ट्री फार्म होते हुए पहुंच रही थी। मगर, जाम का हवाला देते हुए इलाहाबाद, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, कानपुर, नई दिल्ली रूट की बसों को कलेक्ट्री फार्म तक ही रोक दिया गया। स्टैंड बना दिया गया। लेकिन डग्गामार वाहनों को शहर में चलने की खुली छूट दे गई। बीच शहर से सवारियों को बैठाते हुए डग्गामार बसें शहर के अंदर मलदहिया, सिगरा, रथयात्रा, महमूरगंज, मडुवाडीह, लहरतारा होते हुए कलेक्ट्री फार्म तक पहुंच रहीं। इन पर आरटीओ व पुलिस की नजर नहीं पड़ रही। यह सवाल रोडवेज अधिकारियों के जेहन में भी कौंध रहा है।

ढाई सौ से अधिक दौड़ रहे डग्गामार

रोडवेज की हुई एक सर्वे रिपोर्ट में यह पाया गया कि सबसे अधिक डग्गेमारी इलाहाबाद रूट और आजमगढ़ रूट पर हो रही है। फिलहाल इस समय रास्ता बंद होने के चलते डग्गामार वाहनों की चांदी कट रही। लगभग छोटे-बड़े ढाई सौ डग्गामार वाहन दौड़ रहे है। नो पार्किंग का खुल्ला उलंघन कर रहे। लेकिन इन पर आरटीओ व पुलिस की नजर नहीं पड़ रही। मगर, रोडवेज की बस को नो पार्किंग के नाम पर चालान कर रहे।

ढाई सौ दौड़ रहे रोडवेज के वाहन

कलेक्ट्री फार्म से रोडवेज सहित अनुबंधित बसों का बेड़ा ढाई सौ से पार है। यहीं से चंदौली, विंध्यनगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, इलाहाबाद, चित्रकूट, मथुरा, बांदा, कानपुर, नई दिल्ली, आगरा तक एसी और नॉन एसी बसें चल रही हैं

हर रूट पर दौड़ रहे डग्गामार वाहन

फ्लाईओवर हादसे के बाद कैंट-लहरतारा मार्ग बंद होने से डग्गामार वाहनों की संख्याओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इलाहाबाद और चंदौली सहित मिर्जापुर, सोनभद्र रूट पर प्राइवेट वाहनों की संख्या कलेक्ट्री फार्म से बढ़ गई है। उधर, आजमगढ़ रूट की बसें कैंट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की आड़ लेकर दौड़ रही है। इलाहाबाद और आजमगढ़ दोनों राष्ट्रीयकृत मार्ग है। जिन पर प्राइवेट बसें नहीं चल सकती। सिर्फ शादी-विवाह सहित अन्य आयोजन को छोड़कर।

प्राइवेट डग्गामार वाहन शहर के अंदर से होते हुए कलेक्ट्री फार्म तक पहुंच रहे और रोडवेज की बसों को नो पार्किंग के नाम पर चालान किया जा रहा है। डग्गामार वाहनों की धर-पकड़ के लिए डीएम, एसएसपी, एसपी ट्रैफिक सहित आरटीओ तक को लेटर लिखा गया है।

केके शर्मा, आरएम

बनारस डिविजन, रोडवेज

एक नजर

250

रोडवेज बसें कलेक्ट्री फार्म से चल रही हैं

250

से अधिक छोटे-बड़े डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं

25-30

रोडवेज बसों का हुआ है चालान

15

मई से कैंट-लहरतारा रूट है बंद

10

लाख रुपये रोजाना लग रही है रोडवेज को चपत