- परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों के परमिट के लिए तय किये नये मानक

- जीपीएस-सीसीटीवी के जरिए बच्चों पर रहेगी कमेटी की नजर

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VARANASI

अगर आपका बच्चा स्कूल बस या वैन से जाता है तो अब उसकी चिंता करने की जरुरत नहीं है. क्योंकि आपकालाडला जिस वाहन से स्कूल जाएगा उसमें जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगे रहेंगे. जीपीएस और सीसीटीवी के जरिए बच्चों के हर मूवमेंट पर डीएम के निगरानी में बनी कमेटी की नजर रहेगी. जिस स्कूली बस में जीपीएस और कैमरे नहीं लगे रहेंगे, उसका परमिट कैंसिल कर दिया जाएगा.

नए नियम से स्कूली वाहनों पर लगाम

दिल्ली और तमिलनाडु की तर्ज पर परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों पर लगाम और स्कूल प्रबंधन को ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए कुछ मानक तय कर दिए हैं. अब तक उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार स्कूली वाहनों पर कार्रवाई होती थी. अब नए नियम तय होने से स्कूलों से वाहनों की संबद्धता से लेकर उनके परमिट देने में पारदर्शिता तक बढ़ जाएगी. इसके अलावा स्कूल बस और वैन संचालकों को ड्राइवर और कंडक्टर के साथ एक अटेंडेंट भी रखना होगा, जो यूनिफॉर्म में रहेंगे.

स्कूल प्रबंधन होगा जवाबदेह

परिवहन विभाग ने स्कूल प्रबंधन को अब ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए मोटरयान नियमावली में संशोधन करके उनकी भी जिम्मेदारी तय कर दी है. स्कूलों बसों को परमिट तभी मिलेगा जब उनमें जीपीएस लगा होगा. साथ ही बस में स्पीड गवर्नर लगाकर उनकी गति को अधिकतम 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित कर दी जाएगी. अगस्त तक बसों में सीसीटीवी एक्टिव नहीं मिले तो परमिट रद कर दिया जाएगा. प्रत्येक स्कूल को दूसरे के नाम पर पंजीकृत वाहनों के मालिकों के साथ करार करना पड़ेगा. पक्का एग्रीमेंट होने के बाद ही वे वाहन चला सकेंगे. इसके अलावा उन्हें एसएसपी से चरित्र प्रमाणपत्र भी बनवाना होगा.

डीएम की अध्यक्षता में सुरक्षा समिति

डीएम की अध्यक्षता में बनने वाली सुरक्षा समिति में आठ मेंबर होंगे. डीएम, एसएसपी और आरटीओ के अलावा नगर आयुक्त या नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, बीएसए, डीआईओएस भी उसके सदस्य होंगे. साथ ही स्कूल स्तर पर भी परिवहन सुरक्षा समिति गठन की जाएगी. इसमें स्कूलों के प्राधिकारी जहां अध्यक्षता करेंगे, वहीं डीएम के नामित अफसर को उसका मेंबर बनाया जाएगा. उस इलाके के थाने के एसओ और चौकी इंचार्ज को भी कमिटी में शामिल किया जाएगा.

करते हैं मनमानी

ज्यादातर स्कूल पेरेंट्स से मोटी रकम लेते हैं पर स्कूल आने-जाने के लिए बस या वैन में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रहता. मानकों को ताक पर रखकर खटारा बसों और वैन से बच्चे स्कूल ढोये जा रहे हैं. कभी-कभी इसका खामियाजा बच्चों उठाना पड़ता है. साथ ही वैन में बच्चे ठूंस-ठूंस कर स्कूल ले जाये जा जाते हैं. इस नये नियम के बाद इस पर भी लगाम लगेगी.

ये होगा मानक

- स्कूली बसों को परमिट तभी मिलेगा जब जीपीएस और सीसीटीवी लगा होगा.

- स्कूली बसों के ड्राइवरों को यूनिफॉर्म के साथ ही नेम प्लेट लगाना जरूरी है.

- ड्राइवर खाकी पैंट-शर्ट पहनेंगे, जबकि कंडक्टर के लिए नेवी ब्लू कलर ड्रेस होगी.

- महिला कंडक्टर होंगी तो उन्हें नेवी ब्लू कलर की साड़ी पहननी होगी.

वर्जन...

स्कूली वैन और बसों के लिए लखनऊ मुख्यालय की ओर से जो भी निर्देश आया है, उसका पालन किया जाएगा. हर हाल में सभी स्कूलों से सम्पर्क कर वैन और बसों में जीपीएस और सीसीटीवी लगवाए जाएंगे. अब स्कूल प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी.

- आरपी द्विवेदी, आरटीओ