-प्रवासी भारतीय व सिक्योरिटी में लगे अफसरों से फुल हुआ बनारस का कोना-कोना,

डोमेस्टिक टूरिस्ट्स को नहीं मिल रहा बनारस में ठौर

केस-1

महाराष्ट्र के संदीप राव भोसले परिवार के साथ प्रयागराज में संगम स्नान के बाद बनारस दर्शन-पूजन के लिए आए। यहां आना उनके लिए मुसीबत बन गया। पूरे दिन तलाश ने बाद भी कहीं ठहरने की जगह नहीं मिली। बहुत कोशिश के बाद एक धर्मशाला में महज दो कमरा मिला जिसमें आठ लोगों को एडजेस्ट करना पड़ा।

केस-2

मध्य प्रदेश के मोहित शंकर परिवार के साथ बनारस आए। पहले से होटल बुक नहीं करने का खामिजाया ये भुगतना पड़ा कि कहीं किसी होटल, गेस्ट हाउस में रूम नहीं मिला। एक रात तो कैंट स्टेशन के एक पुराने से लॉज में गुजारनी पड़ी। अगली सुबह अपने एक परिचित के घर शरण मिल सकी।

अर्धकुंभ में डुबकी लगाकर बनारस में बाबा विश्वनाथ का दर्शन और मां गंगा की अविरल-निर्मल धारा को निहारने की लालसा लेकर बनारस पहुंचने वाले देसी सैलानियों को कहीं ठहरने की जगह नहीं मिल पा रही है। मजबूरन किसी सस्ते और गंदे से लॉज या धर्मशाला में रहना पड़ रहा है। चाहत तो उनकी फाइव-थ्री स्टार होटल में ठहरने की है लेकिन रूम्स अवेलेबल नहीं होने की दशा में गली-मुहल्ले के गेस्ट हाउस में ठौर लेना पड़ रहा है। कल से तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आगाज हो जाएगा। पांच हजार से अधिक प्रवासियों की भीड़, ऊपर से 12 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों से पूरा बनारस फुल है। किसी होटल-गेस्ट हाउस में रूम नहीं है तो किसी ट्रवेल्स संचालकों के पास गाड़ी नहीं है। सब प्रवासियों सहित उनकी सिक्योरिटी में लगे सुरक्षाधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बुक है। रामनगर, पड़ाव और मुगलसराय तक के होटल्स फुल हैं।

लगन वालों की बढ़ी मुश्किल

वेडिंग सीजन वालों के लिए भी मौजूदा समय टेंशन देने वाला है। हाल यह है कि बारात निकालने को लेकर ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने सख्त निर्देश दिया है। लान संचालकों की ट्रैफिक एसपी संग हुए मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि तीन दिन तक शहर में कोशिश हो कि बड़ा आयोजन न हो। जिससे कि लिंक मार्ग अवरूद्ध हो। बारात निकालने के लिए बारात मालिक को पहले एसीएम से परमिशन लेनी पड़ रही है। पार्किंग का पूरा इंतजाम और बारात छोटी होने पर ही परमिशन की मुहर लग रही है। पहले की बुक गाडि़यों को आरटीओ ने प्रवासियों की सिक्योरिटी में लगे सुरक्षाकर्मियों के लिए हायर कर लिया है।

प्रवासी मेहमानों व उनकी आवभगत में लगे सुरक्षाकर्मियों समेत अन्य की वजह से होटल, गेस्ट हाउस फुल चल रहे हैं। इस वक्त जो देसी पर्यटक आ रहे हैं उन्हें रूम खाली नहीं होने की दशा में लौटाना पड़ रहा है, यही हाल गाडि़यों को लेकर भी है।

आनंद देववंशी, ओनर

गेस्ट हाउस, अस्सी

कुंभ से काशी में बहुत से ऐसे पर्यटक आ रहे है जिन्हें गाडि़यों की जरूरत है लेकिन इधर, प्रवासियों को लेकर इतने बड़े आयोजन के चलते हम उन्हें गाडि़यां उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है।

कृष्णमोहन पांडेय, ट्रवेल एजेंट

बनारस में लगभग सभी होटल्स फुल हो चुके हैं। कई तो प्रवासियों के लिए बुक कराए गए है। किसी भी अच्छे होटल में रूम नहीं है। यही हाल गाडि़यों को लेकर भी है।

आकाश तिवारी, टूर आपरेटर

सिटी व रूरल एरिया तक के करीब एक हजार होटल्स, लॉज, धर्मशाला आदि की बुकिंग पहले से ही है। गंगा घाटों के होटल्स भी प्रवासियों आदि अन्य कस्टमर्स ने पहले ही रिजर्व कर लिया है।

गोकुल शर्मा, महामंत्री, बनारस होटल एसोसिएशन

एक नजर

250

से अधिक है शहर में छोटे-बड़े लान

500

से अधिक है सिटी में बैंक्वेट हाल

1200

से अधिक हैं छोटे बड़े गेस्ट हाउस, होटल्स व लाज

8000

से अधिक है सिटी में छोटे-बड़े ट्रवेल्स व्हीकल