5 दिनों तक एक भी नकलची नहीं पकड़ा गया था पिछले साल

5 नकलची इस बार पांच दिनों में पकड़े जा चुके हैं

5000 से अधिक फर्जी पहले ही हुए थे निरस्त

200 से अधिक छात्रों की चल रही है जांच

26 से अधिक नकलची मेरठ मंडल में अभी तक पकड़े गए

80 से ज्यादा नकलची क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के अंतर्गत दबोचे गए

Meerut। यूपी बोर्ड एग्जाम में नकल माफिया के बढ़ते आंकड़ों ने बोर्ड व्यवस्था को लाचार कर दिया है, पिछले साल की तुलना में इस बार नकलचियों का आंकड़ा भी अधिक बढ़ रहा है। आशंका जताई जा रही है कि केंद्रों पर नकल कराने के पीछे कोई बड़ा गैंग काम कर रहा है। गौरतलब है कि बीते पांच दिनों में ही पांच नकलची तो केवल मेरठ जिले में ही पकड़े जा चुके हैं। वहीं पिछले साल पांच दिनों में कोई भी नकलची दबोचा नहीं गया था।

शुरु में ही थे पांच हजार फर्जी

बता दें कि इस साल की बोर्ड परीक्षा शुरु होने से एक सप्ताह पहले ही क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय में मेरठ मंडल के ऐसे पांच हजार स्टूडेंट्स के प्रवेशपत्र रद्द किए गए थे। जिन्हें जांच के बाद फर्जी पाया गया था। बावजूद इसके भी पेपर में कई मुन्ना भाई व नकलची पकड़े गए। वहीं बीच पेपर में भी संदिग्ध प्रवेश पत्र निकल रहे हैं, ऐसे में परीक्षा के पहले ही दिन हिंदी का पेपर देने आए ऐसे 115 हाईस्कूल व 136 इंटर के स्टूडेंट्स केंद्र पर मिले थे, जिनके प्रवेश पत्रों पर फोटो न होने पर उनके फर्जी होने की आशंका जताई गई थी। फिलहाल, इनकी जांच चलने तक अभी परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलाई जा रही है।

अब तक पांच पकड़े

अगर बात करें हम मेरठ मंडल की तो मंडल में ही अभी तक 26 से अधिक नकलची पकड़े जा चुके हैं, वहीं पूरे क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय की बात करें तो पांच ही दिनों में 80 से ज्यादा नकलची पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में मेरठ जिले की बात करें तो बीते पांच दिनों में चार मुन्नाभाई और एक नकलची यानी पांच नकलची पकड़े जा चुके हैं। जबकि पिछले साल की बात करे तो पांच दिन तक एक भी नकलची नहीं पकड़ा गया था।

नकल माफिया गैंग है पीछे

नकलचियों के पकड़े जाने पर विभाग के आलाधिकारी कहते हैं कि हो सकता है कि इसके पीछे नकल माफिया का गैंग काम कर रहा हो। वहीं विभाग के बोर्ड सचिव ने गुपचुप तरीके से जांच के निर्देश भी दिए है।

पिछले दिनों हुई नकल को देखते हुए सचल दस्तों की मीटिंग ली गई है। जिसमें सभी को औचक निरीक्षण अधिक करने के निर्देश दिए गए हैं। सख्ती भी बढ़ा दी गई है, जिन केंद्रों पर कैमरे नहीं है वहां कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए है।

गिरजेश चौधरी, डीआईओएस मेरठ