लास्ट डे उतर गया मार्च का भूत

- Account closing में लगे रहे businessman

- Banks में भी होता रहा काम

- इनकम टैक्स ऑफिस में भी डटे रहे officers

ALLAHABAD: प्लीज, सर मेरा फाइल ओके कर दीजिए। सर मेरा टैक्स ले लीजिए। सर मेरा डॉक्यूमेंट पूरा करा दीजिए नहीं तो आज का समय बीत जाएगा और फिर मेरे ऑफिस लाखों के टैक्स का नोटिस पहुंच जाएगा। अरे जल्दी करो भाई, तीन घंटे से लाइन में व्हीकल का रोड टैक्स जमा कराने के लिए खड़ा हूं। अगर आज का दिन बीत गया तो फिर बिना मतलब के इंट्रेस्ट देना पड़ेगा। यादव फाइल लाओ, इसे ओके करो। क्या अभी तक पूरा नहीं हुआ। यार, एकाउंट क्लीयर करो। भले ही रात के क्ख् बज जाएं लेकिन आज एकाउंट क्लीयर करके ही जाना है। मार्च क्लोजिंग डे पर मंडे को इनकम टैक्स ऑफिस, सेलटैक्स ऑफिस, आरटीओ ऑफिस और बैंकों में कुछ ऐसा ही नजारा रहा।

देर रात तक चलता रहा काम

पूरे मंथ मार्च प्रेशर और क्लोजिंग के जिस भूत ने बिजनेसमैन, बैंकर्स, स्टेट व सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाई को परेशान किया। पूरे महीने भर जो भूत लोगों के सिर चढ़ कर बोला, मार्च के लास्ट डेट यानी फ्क् मार्च को भूत अपने आप उतर गया। क्लोजिंग डे का असर मंडे को ऑफिसों में साफ-साफ देखने को मिला। कहीं युद्ध स्तर पर काम हो रहा था, ऑफिसरों को पानी पीने का टाइम नहीं मिला तो कहीं दोपहर तक व्यस्त रहने के बाद ऑफिसर्स व इम्प्लाई ने राहत की सांस ली। पब्लिक का काम पूरा होने के बाद इनकम टैक्स ऑफिस, बैंक, आरटीओ ऑफिस, नगर निगम के साथ ही अन्य डिपार्टमेंट में देर रात तक एकाउंट क्लीयर करने का काम चलता रहा।

ट्रेजरी ऑफिस में करोड़ों आए तो करोड़ों गए

कलेक्ट्रेट स्थित ट्रेजरी ऑफिस सुबह खुलते ही, गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के बाबूओं, एकाउंटेंट और अधिकारियों का जमावड़ा शुरू हो गया। हर कोई अपने-अपने डिपार्टमेंट का एकाउंट क्लीयर कराने के प्रयास में था। जिन डिपार्टमेंट को ट्रेजरी में पैसा जमा करना था वे बड़े पैमाने पर कैश लेकर पहुंचे थे.वहीं कई डिपार्टमेंट ऐसे थे, तो ट्रेजरी से अपने डिपार्टमेंट के एकाउंट में कैश ट्रांसफर कराने को परेशान थे। दोपहर बाद जहां डिपार्टमेंटों से आए लोगों की भीड़ कुछ थम गई, वहीं ट्रेजरी ऑफिस का अपना काम, व एकाउंट को क्लीयर करने का काम देर शाम तक चलता रहा।

बैंकों में लगी रही लंबी लाइन

स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक से लेकर आईसीआई, एचडीएफसी समेत सारे बैंकों में कस्टमर की लंबी लाइन लगी रही। कोई पेमेंट करने को परेशान था, तो कोई पेमेंट लेने के लिए। जिनमें बिजनेसमैन की भीड़ सबसे ज्यादा थी। बड़े-बड़े बिजनेसमैन व उनके इम्प्लाइज फाइनेंशियल ईयर के लास्ट डे पेमेंट के लिए परेशान थे। वहीं बैंक ऑफिसर और इम्प्लाइज पर तो डबल लोड था, एक तरफ जहां कस्टमर के काम का प्रेशर तो वहीं, अपने बैंक के फाइनेंशियल ईयर क्लीयरेंस का भी प्रेशर। ऑफिसर व इम्प्लाई को बैंक एकाउंट को भी क्लीयर करना था।

नगर निगम को मिल गए करोड़ों रुपए

ईयर एंडिंग को लेकर नगर निगम के स्टॉफ ने वसूली के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। वसूली के लिए दो दर्जन से अधिक कर्मचारी जहां लगाए गए थे, वहीं कइयों को नोटिस दी गई थी। वहीं कुछ लोग ऐसे थे जो खुद पहुंच कर बकाया टैक्स जमा करने में पीछे नहीं रहे। मार्च से पहले जिस नगर निगम का करोड़ों रुपए फंसा हुआ था, उसी नगर निगम को मार्च लास्ट तक टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए मिल गए। अपर नगर आयुक्त गिरीश कुमार ओझा ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर एंडिंग नगर निगम के लिए प्रॉफिट वाला रहा।

करोड़ों का आ गया इनकम टैक्स

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जब रेड पड़ती है तो एक तरफ जहां बनी-बनाई पूंजी खत्म हो जाती है। वहीं इज्जत की भी वॉट लग जाती है। इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई के डर से डिस्ट्रिक्ट के सैकड़ों लोगों ने अपना-अपना इनकम टैक्स रिटर्न इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में दाखिल किया। करोड़ों रुपया टैक्स के रूप में डिपार्टमेंट को मिला। डिपार्टमेंट के ऑफिसों में काम चलता रहा।