-दिन भर भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में गुजारा, अंत्येष्टि में भी हुए शामिल

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते वक्त भावुक हो उठे। गुरुवार को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री ने शुक्रवार का पूरा दिन भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में ही बिताया और पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा व अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। स्वयं सीएम के शब्दों में समय ठहर सा गया है, विश्वास ही नहीं हो रहा कि अटल जी हमारे बीच नहीं है। बहुत कुछ कहना चाहता हूं लेकिन शब्द नहीं मिल रहे। अटल जी के लिए कुछ कहना सूरज को दीया दिखाने जैसा है। अटल जी, हमारे अटल जी, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के अटल जी। निश्चल, निर्भीक और अविरल अटल जी। अटल जी से गुरु शिष्य का, पितृ प्रेम का नाता है। वो हमसे दूर जरूर चले गए हैं लेकिन उनके शब्द अब भी कानों में गूंज रहे हैं। झारखंड निर्माण के लिए हम सदा अटल जी के ऋणी रहेंगे। उनकी अनंत स्मृतियां हैं जिन्हें शब्दों में समेटना संभव नहीं। युगपुरुष अटल जी को पुन: शत शत नमन।

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झारखंड का गठन अटल जी की इच्छाशक्ति का ही परिणाम : हेमंत

-दिल्ली में अंतिम संस्कार के साक्षी बने, दी भावभीनी श्रद्धांजलि

रांची : स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी वाकई राजनीति के अजातशत्रु थे। सभी उन्हें दिल से चाहते और सम्मान देते थे। उन्होंने कभी किसी को विरोधी नहीं बनने दिया। झारखंड का गठन उनकी प्रबल इच्छाशक्ति का ही परिणाम है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संघर्ष से आंदोलन को मुकाम मिला लेकिन उन्होंने हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक और यथार्थ को ध्यान में रखकर निर्णय किया। झारखंड के लोग उनके ऋणी हैं। नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के यही भाव थे नई दिल्ली रवाना होने के पहले। उन्होंने नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में मौजूदगी दर्ज कराई और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। कहा कि अटलजी का निधन मर्माहत करने वाला है। वे कद्दावर राजनेता थे और उन्होंने कभी परिस्थितियों से समझौता नहीं किया। राजनीति में अपने सिद्धांत पर अड़े रहे और विरोधियों को भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। यही वजह है कि सत्ता में रहे या विपक्ष में, उनका सम्मान सबने किया। निधन के बाद उनके प्रति उमड़ा स्नेह भी इस बात का द्योतक है कि अगर राजनीति के क्षेत्र में ऊंचाई पर रहकर आप आम जनमानस की फिक्र करते हैं तो वह आपको अपने दिल में बसाती है। अटलजी की यही पूंजी थी। उनका पारदर्शी जीवन हमेशा प्रेरणा देता है कि आम जनमानस के साथ हम ऐसा ही व्यवहार करें। सत्ता को ठोकर मारने में भी उन्होंने कभी देर नहीं की। उनका निधन एक राजनीतिक युग व अध्याय का अवसान है।

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खल रहा है युग पुरुष का गुजरना : सुबोधकांत

रांची : पूर्व केंद्रीयमंत्री सुबोधकांत सहाय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को बड़ी क्षति करार दिया है। शोकसभा में उन्होंने कहा कि पूरा देश शोकाकुल है। वे भारतीय राजनीति के युग पुरुष थे। संसद में जनता की आवाज बनकर मुखर होने वाले राजनेता और महान जननायक का गुजरना खल रहा है। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से काफी मर्माहत हैं। देश के युग पुरुष के निधन से भारतीय राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है। स्वर्गीय वाजपेयी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के नेताओं को सम्मान देते थे। संसद में पक्ष-विपक्ष की राजनीति से परे जनहित के मुद्दों को वे तरजीह देते थे। भारतीय राजनीति को उन्होंने एक नई दिशा दी। पूर्व केंद्रीयमंत्री ने उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष अनादि ब्रह्म, पूर्व प्रवक्ता राकेश सिन्हा, पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, विनय सिन्हा दीपू आदि शामिल थे।