- डिजिटल इंडिया को पलीता लगाने में जिलों के अधिकांश जिलाधिकारी ही आगे

- पब्लिक की प्रॉब्लम सुलझाने को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के थे निर्देश

- कई ने न एकाउंट बनाया, न ही जनता की समस्याएं सुनी

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW:

एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया पर सक्रियता में नए पैमाने गढ़ रहे हैं, वहीं दूसरे ओर प्रदेश के अधिकांश जिलों के डीएम इस प्लेटफॉर्म पर सुस्त हैं। पब्लिक की ऑनलाइन शिकायतों पर ऑफलाइन मोड में काम कर रहे इन अफसरों के रवैये से डिजिटल इंडिया के सपने को भी पलीता लग रहा है। ये तब है जब सभी जिलों के डीएम को सीएम, मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देश हैं कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर न सिर्फ एक्टिव रहें बल्कि लोगों की शिकायतों का निस्तारण भी करें।

अमल में नहीं लाए सीख

पिछले वर्ष योगी सरकार के शपथ लेने के बाद ही सूचना विभाग ने सूचना अधिकारियों व विभिन्न विभागों की वर्कशॉप कराई थी। जिसमें सोशल मीडिया को हैंडल करने और लोगों की समस्याएं सुनने, सरकार की योजनाओं को इस माध्यम से जन जन तक पहुंचाने के गुर बताए गए थे। मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सूचना ने सभी विभागों और डीएम को पत्र भेजकर सोशल मीडिया पर हैंडल बनाकर जनता की समस्याएं निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। सभी को विभाग का एक नोडल ऑफिसर भी इसके लिए नियुक्त करने का निर्देश भी था। जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार की तर्ज पर हर विभाग के मंत्री और विभागाध्यक्ष को अपना अधिकारिक ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज बनाना होगा। सभी जिलों के डीएम को भी ट्विटर हैंडल बनाने होंगे, जहां विभाग से जुड़ी सभी गतिविधियों, नए आदेशों, कार्यवाही और कार्रवाई को अपलोड करना था। फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर आने वाली शिकायतों और सुझावों पर रिस्पांस देकर उन्हें निस्तारित करने के निर्देश थे। जनता से फीडबैक भी लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागध्यक्षों और डीएम की सोशल मीडिया दूरी बनी रही। हालांकि कुछ ने अकाउंट तो बनवाए लेकिन महज खानापूर्ति के लिए। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदेश का हर व्यक्ति अपनी समस्या के निस्तारण के लिए सीएम ऑफिस के अकाउंट पर ही निर्भर है। आलम यह कि जिलों से कोई आत्महत्या की धमकी दे रहा है तो कोई अपनी जमीन पर कब्जा दिलाने की गुहार लगा रहा है।

सबसे आगे यूपी सीएम ऑफिस

सीएम ऑफिस का फेसबुक अकाउंट और ट्विटर हैंडल लगातार लोकप्रिय हो रहा है। साथ ही सोशल मीडिया पर यूपी सीएम ऑफिस देश के सभी मुख्यमंत्री कार्यालयों से आगे हैं। इसी का नतीजा है कि सीएमओ हैंडल पर फालोअर्स की संख्या पांच लाख से बढ़ते हुए साल भर में 24 लाख पहुंच गई। जबकि ट्वीट की संख्या 250 से बढ़कर 9100 पहुंच गई। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ हैंडल से 25 लाख फॉलोअर ट्विटर पर हैं। जबकि उनके सभी ट्वीट नए हैं। इसके अलावा यूपी गवर्नमेंट हैंडल से फालोवर्स की संख्या तीन लाख से बढ़ते हुए 6.2 लाख पहुंच गई और ट्वीट की संख्या 260 से बढ़कर 21000 है।

नोडल ऑफिसर तक नहीं बनाए

विभागों ने न तो सोशल मीडिया का अकाउंट बनाया और न ही नोडल ऑफिसर नियुक्त किए। सूत्रों के मुताबिक करीब दर्जन भर विभागों के ही ट्विटर हैंडल सोशल मीडिया पर हैं। जो लगातार अपडेट करते हैं और शिकायतों पर जवाब भी देते हैं, लेकिन उनके अलावा किसी ने कोई कदम ही नहीं उठाया।

इनका अकाउंट है सक्रिय

सरकारी विभागों में जिनके हैंडल सक्रिय हैं और वे लोगों को जवाब भी दे रहे हैं उनमें यूपी पुलिस सबसे आगे है। स्वयं डीजीपी ऑनलाइन रहकर लोगों की शिकायतों का जवाब देते हैं। जिलों की पुलिस के भी ट्विटर पर हैंडल हैं जिनपर 24 घंटे शिकायतों को सुना जा रहा है। इसके अलावा परिवहन विभाग, टूरिज्म, ऊर्जा विभाग, चीफ सेक्रेटरी, पीडब्ल्यूडी भी सक्रिय है। गन्ना विकास विभाग का अकाउंट है, लेकिन कई महीनों से एक भी ट्विट नहीं आया। अब तक दर्जन भर ही विभाग सोशल मीडिया पर आ सके हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर विकास फिसड्डी

शिक्षा विभाग की सबसे अधिक शिकायतें हैं, लेकिन वह सोशल मीडिया पर नहीं हैं। ऐसे ही चिकित्सा शिक्षा और सिंचाई व ग्राम्य विकास विभाग हैं। जिनकी रोजाना सीएम ऑफिस के हैंडल पर ढेरों समस्याएं लोग पोस्ट करते हैं, लेकिन ये विभाग खुद सोशल मीडिया पर नहीं हैं। नगर विकास, स्वास्थ्य, कृषि, गन्ना, सिंचाई का भी यही हाल है।

@Adminlko

- चार माह

- 9 लोगों को करते हैं फॉलो

- 120 ही फॉलोअर्स

- सिर्फ 33 ट्वीट

लखनऊ डीएम फिसड्डी

लखनऊ के जिला प्रशासन ने इसी वर्ष जनवरी में ट्विटर हैंडल ((@Adminlko) बना लिया, लेकिन चार महीने में सिर्फ 33 ट्वीट ही हुए। वह 9 लोगों को ही फॉलो करते हैं और उनके सिर्फ 120 ही फॉलोअर्स हैं। किसी की समस्या का निस्तारण तो दूर जवाब देने की जहमत तक नहीं उठाते। जबकि सूचना विभाग के एक अधिकारी को सिर्फ लखनऊ एडमिनिस्ट्रेशन का सोशल मीडिया हैंडल करने के लिए लगाया गया है। लखनऊ डीएम का तो अकाउंट ही नहीं है। पूर्व डीएम राजशेखर के समय से अकाउंट है, जिसमें लंबे समय से अपडेट नहीं है।

कानपुर डीएम सबसे आगे

लखनऊ डीएम के उलट कानपुर के डीएम सुरेंद्र सिंह का (@DMkanpur) नाम से हैंडल है। जिसमें 6601 फॉलोअर हैं और वे रोजाना इसे अपडेट कर रहे हैं। पूर्व सूचना निदेशक अनुज झा ने बुलंद शहर के डीएम का चार्ज संभालते ही ट्विटर पर हैंडल को सक्रिय किया (@dmbulandshahr) के 823 फॉलोअर पहुंच गए हैं और वे लगातार लोगों को योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। डीएम बरेली भी काफी एक्टिव हैं और उनके साढ़े तीन हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है। कुछ डीएम भी कर रहे हैं। विभाग भी सोशल मीडिया पर आ रहे हैं। इसमें और तेजी लाई जाएगी।

- अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव, सूचना