- सीएनजी से चलने वालों वाहनों के लिए हाइड्रो टेस्ट किया गया है अनिवार्य
- हाइड्रो टेस्ट न कराने वाले वाहनों को सीएनजी पंप से वापस लौटाया
6200 सीएनजी ऑटो हैं रजिस्टर्ड
4000 सीएनजी टेंपो हैं डिस्ट्रिक्ट में
6000 सीएनजी कार हैं डिस्ट्रिक्ट में
150 बसें सीएनजी चलित हैं
20 साल में होती है सीएनजी सिलिंडर की वैलिडिटी
3 साल बाद हाइड्रो टेस्ट कराना जरूरी
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बरेली : हाइड्रो टेस्ट न कराने वाले वाहनों को सीएनजी न देने का आदेश जारी होने के शहर के सीएनजी फिलिंग स्टेशन पर भी आदेश चस्पा कर दिया गया है। इस आदेश पर कितना अमल हो रहा है इसकी हकीकत जानने के लिए फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने सैटेलाइट चौराहा के पास सीएनजी पंप पर जाकर रियलिटी चेक किया। इस दौरान पंप पर पहुंच रहे उन्हीं वाहनों में सीएनजी रिफिल की जा रही थी जिनका हाइड्रो टेस्ट हो चुका था। वहीं, हाइड्रो टेस्ट न कराने वाले वाहनों को सीएनजी देने से पंप के स्टाफ ने साफ इनकार कर दिया। इस दौरान कई ऐसे वाहन भी पंप पर पहुंचे जिनके सिलंडर की मियाद ही खत्म हो चुकी थी।
हाइड्रो टेस्ट में ऑटो वाले आगे
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम पंप पर करीब एक घंटा रुकी रही। इस दौरान सीएनसी रिफिल कराने आए 22 ऑटो में से 20 ऑटो ऐसे थे जिन पर हाइड्रो टेस्ट का टैग लगा हुआ था।
मियाद खत्म, फिर भी दौड़ रहे
पंप पर सीएनजी रिफिल कराने आई तीन वैन की भी स्टाफ ने जांच की तो पता चला कि एक वैन का सिलंडर एक्सपायर हो चुका था। वहीं, एक कार का भी सिलंडर एक्सपायर मिला। स्टाफ ने इन वाहनों में सीएनजी रिफिल करने की बजाए वापस भेज दिया।
10 ने कराया टेस्ट, 80 वाहन लौटाए
आदेश लागू होने के बाद हाइड्रो टेस्ट कराने के लिए नरियावल स्थित हाइड्रो टेस्ट सेंटर पर वाहनों की लाइन लग रही है। फ्राईडे को 90 वाहन हाइड्रो टेस्ट कराने पहुंचे। इनमें से 80 ऐसे वाहन थे जिनका सिलंडर कई माह पहले ही एक्सपायर हो चुका था, उन्हें हिदायत दी गई कि पहले हाइड्रो टेस्ट कराएं उसके बाद ही गैस भरवाने की अनुमति दी जाएगी। बाकी दस वाहनों का टेस्ट करके टैग लगाया गया।
इसलिए जरूरी है हाइड्रो टेस्ट
वाहनों के सिलंडर में तीन साल तक सीएनजी भरने से धीरे-धीरे उनके कमजोर होने की संभावना रहती है। विशेषज्ञों की मानें तो सिलंडर की टंकी खराब होने, सील खुलने और वॉल्व खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है। वहीं कमजोर होने पर सिलिंडर कभी भी फट सकता है जिससे जन हानि हो सकती है। इसलिए समय पर हाइड्रो टेस्ट कराना जरूरी है।
हो चुका है हादसा
मार्च में हाफिजगंज में सड़क किनारे खड़ी एक स्कूली वैन में सीएनजी सिलंडर से आग लग गई थी चंद मिनटों में वैन आग को गोला बन गई थी। गनीमत रही कि वैन बच्चों को घरों पर छोड़कर आकर खड़ी हुई थी वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी। जांच में पता चला कि वैन का सिलंडर कई माह पहले ही एक्सपायर हो चुका था।
किस साल कितनों ने कराया टेस्ट
वर्ष - हाइड्रो टेस्ट वाहन
2015 - 1312
2016 - 2380
2017 - 2075
2018 - 1340
कुछ सीरियस तो कुछ लापरवाह
हमने पहले ही अपने ऑटो का हाइड्रो टेस्ट करवाया है ऑटो में दरवाजे के पास विभाग ने टैग भी लगाया है।
नंद किशोर।
चार दिन पहले गैस पड़वाने पंप पर आए तो जांच में ऑटो का हाइड्रो टेस्ट की अवधि समाप्त हो चुकी थी जिस पर गैस नहीं दी गई। कल जाकर टेस्ट कराया।
महेश।
वर्जन
सीएनजी वाहनों में हाइड्रो टेस्टिंग बहुत जरूरी है। चेकिंग के दौरान जिन सीएनजी वाहनों का हाइड्रो टेस्ट नहीं होगा ऐसे वाहनों पर फौरन कार्रवाई की जाएगी।
आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन