-कार्य परिषद में रखा गया मामला

-अगले वर्ष से मई में ही निपटाने होंगे संबद्धता के मामले

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी ने कई कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी, लेकिन उन्होंने यूनिवर्सिटी के नाम पर एडमिशन लेने शुरू कर दिए। एलयू में कार्यपरिषद की आपात बैठक में यह मामला छाया रहा। वहीं बैठक में 30 कॉलेजों को संबद्धता देने का मामला रखा गया, जिसमें सिर्फ पांच को ही सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस की संबद्धता दी गई। बाकी को अस्थाई संबद्धता जारी की गई।

पहले से ही ले रहे एडमिशन

लखनऊ यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार ज्यादातर कॉलेजों ने संबद्धता से पहले ही कई कोर्सेस के आवेदन लेना शुरू कर दिया था। केकेवी सहित कई कॉलेजों में इन कोर्सेस में एडमिशन लिए गए। ऐसे में अगर कार्यपरिषद में किसी भी कारण इनमें से किसी कॉलेज की संबद्धता रोक दी जाती तो इन कॉलेजों में एडमिशन लेने वालों का करियर दांव पर लग जाता, लेकिन लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन और कॉलेजों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है।

मई में ही देनी होगी संबद्धता

शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि अगले वर्ष से कॉलेजों को संबद्धता के मामले मई माह में ही निपटा लिए जाएं। मई के बाद जो भी कॉलेज आवेदन करेंगे उन्हें अगले साल ही संबद्धता दी जाएगी। इससे स्टूडेंट्स को नुकसान नहीं होगा।

नियुक्तियों को दी गई हरी झंडी

कार्यपरिषद की बैठक में इंजीनियरिंग फैकल्टी की नियुक्तियों को भी हरी झंडी दी गई। पिछले माह ही इनके इंटरव्यू हुए। इसमें सभी शिक्षकों को संविदा पर ही तैनाती दी गई है। यह इंजीनियरिंग का दूसरा साल है।

इन्हें मिली संबद्धता

सरदार पटेल कॉलेज, भालचंद्र इंस्टीट्यूट, सेंट मदर टेरेसा कॉलेज, इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव, गोयल इंस्टीट्यूट, शेरवुड कॉलेज, बोरा इंस्टीट्यूट, नगर निगम कॉलेज, केकेवी, दुर्गा शिक्षा निकेतन, इरम कॉलेज, एग्जॉन मॉन्टेसरी कॉलेज, डॉ। आशा स्मृति कॉलेज, रामा कॉन्वेंट, नर्वदेश्वर डिग्री कॉलेज, इस्लामिया डिग्री कॉलेज, राधेश्याम कॉलेज, अकबरी बेगम लॉ कॉलेज, दिव्या सिंह मेमोरियल कॉलेज, सूर्या कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, मुमताज पीजी कॉलेज, लखनऊ डिग्री कॉलेज, गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज, एकेजी कॉलेज, श्री कृष्ण दत्ता एकेडमी, वनस्थली ज्ञानपीठ डिग्री कॉलेज।