व्यवसायिक बाइकों को चलन बढ़ा, फिर भी एक का भी रजिस्ट्रेशन नहीं

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सालों से आरटीओ आफिस में व्यवसायिक श्रेणी में एक भी बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ

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हजार के करीब दुपहिया वाहनों का इस्तेमाल व्यवसायिक श्रेणी में किया जा रहा है

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रुपये इयरली टैक्स निर्धारित है व्यवसायिक बाइक के लिए

टैक्स वसूलने के नाम पर आरटीओ आफिस के अधिकारी दो साल से बेखबर

dhruva.shankar@inext.co.in

PRAYAGRAJ: शहर की सड़कों से होकर आपके घरों तक होम डिलीवरी करने वाली व्यवसायिक बाइक आरटीओ आफिस के टैक्स की चोरी कर रहे हैं। यह सिलसिला दो वर्षो से चलता आ रहा है। कार्रवाई के नाम पर अभी तक व्यवसायिक बाइक से टैक्स वसूलने के लिए ना तो कोई अभियान चलाया गया है और ना ही अधिकारियों को इस बात की खबर है कि यहां पर व्यवसायिक बाइक का इस्तेमाल भी हो रहा है। यही वजह है कि ऐसी बाइक से टैक्स वसूलने के प्रावधान होने के बावजूद आफिस में आज तक एक भी व्यवसायिक बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।

व्यवसायिक-गैर व्यवसायिक में अंतर

गैर व्यवसायिक दो पहिया वाहन चालक को रजिस्ट्रेशन के समय वन टाइम टैक्स देना होता है

व्यवसायिक बाइक वालों को वन टाइम टैक्स नहीं जमा करना होता है

इनका टैक्स इयरली जमा होता है

इस कैटेगिरी में रजिस्ट्रेशन कराने पर फिटनेस टेस्ट भी होता है

अफसरों को नहीं पता कितना है टैक्स

कमर्शियल बाइक यूज करने वालों से सालाना कितना टैक्स लिया जाता है? इस सवाल पर आरटीओ और एआरटीओ प्रशासन ने अलग-अलग रेट बताया। आरटीओ सगीर अहमद अंसारी ने पूछने पर बताया कि करीब तीन हजार रुपए सालाना कमर्शियल बाइक वालों से टैक्स लेने का प्रावधान है तो एआरटीओ प्रशासन डॉ। सिया राम वर्मा का कहना है कि ऐसे वाहनों से सालाना 2350 रुपए टैक्स लेने का प्रावधान है।

कहां इस्तेमाल हो रही व्यवसायिक बाइकें

शहर में कामर्शियल बाइक यूजर की संख्या करीब चार हजार के आसपास है

इनका इस्तेमाल कोरियर कंपनियों के बंदे करते हैं

आनलाइन फूड बुकिंग पर डिलीवरी के लिए बाइकें इस्तेमाल होती हैं

आनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां भी बाइकों से माल डिलीवर कराती हैं

आज तक आरटीओ की कोई ड्राइव न चलने से विभाग के पास कोई डाटा उपलब्ध नहीं

हर साल एक करोड़ जा सकते हैं सरकार की तिजोरी में

व्यवसायिक बाइक का अलग रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। नियमानुसार इयरली तीन हजार रुपए टैक्स जमा करने का प्रावधान भी है। मेरे संज्ञान में अभी तक किसी ने कामर्शियल बाइक का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है।

सगीर अहमद अंसारी,

आरटीओ

कायदे कानून के हिसाब से कामर्शियल बाइक यूज करने वालों को इयरली 2350 रुपए टैक्स जमा करना चाहिए। प्रवर्तन टीम के अधिकारियों से वार्ता करने के बाद ऐसे यूजर के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

डॉ। सियाराम वर्मा,

एआरटीओ प्रशासन