डेढ़ से दो गुना तक ही देना होगा सेमी कॉमर्शियल हाउस टैक्स
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ALLAHABAD: एक झटके में कॉमर्शियल हाउस टैक्स पांच से दस गुना बढ़ने पर शहर के जिन 20 हजार व्यापारियों, होटल-रेस्टोरेंट और मॉल के मालिकों ने कॉमर्शियल हाउस टैक्स में राहत की उम्मीद लगा रखी थी, प्रदेश सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बड़े दुकानदारों व कॉमर्शियल भवन स्वामियों को बढे़ कॉमर्शियल टैक्स और एरियर के साथ भुगतान करना होगा। हालांकि छोटे दुकानदारों को टैक्स के बोझ से राहत मिलेगी। चाय, पान, जनरल मर्चेट, खान-पान के सामानों व अन्य छोटी दुकानों पर अधिकतम डेढ़ से दो गुना ही सेमी कॉमर्शियल हाउस टैक्स लगाया जाएगा। यह निर्णय लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।

सीएम से मिली थीं मेयर
21 मई को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मेयर इलाहाबाद अभिलाषा गुप्ता ने कॉमर्शियल हाउस टैक्स नियमावली संशोधन को लागू करने की मांग की थी। तब सीएम ने उन्हें कैबिनेट के निर्णय से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि संशोधन के फार्मूले को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। लेकिन नियमावली संशोधन में बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों, भवनों के टैक्स फार्मूले में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इन्हें मिलेगी काफी राहत
छोटे दुकानों के लिए कॉमर्शियल टैक्स का जो फार्मूला तैयार किया गया है, उसके तहत 10 बाई 12 और अधिकतम 10 बाई 15 की दुकानों को ही शामिल किया गया है। इनमें चाय-पान, जनरल मर्चेट के साथ ही मोची, दर्जी की छोटी दुकानों को शामिल किया गया है। इनसे आवासीय हाउस टैक्स का अधिकतम डेढ़ से दोगुना सेमी कॉमर्शियल हाउस टैक्स लिया जाएगा।

तीन गुना तक की रखी थी मांग
नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से लागू कॉमर्शियल टैक्स नियमावली में संशोधन करते हुए शहर के रेस्टोरेंट, होटल मालिकों द्वारा कॉमर्शियल हाउस टैक्स आवासीय हाउस टैक्स का पांच से दस गुना तक बढ़ाए जाने की जगह अधिकतम तीन गुणा तक बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन शासन ने निरस्त कर दिया। अब 10 बाई 12 और 10 बाई 15 से अधिक एरिया वाले कॉमर्शियल भवन स्वामियों को पांच से दस गुणा वृद्धि के साथ लगाए गए कॉमर्शियल टैक्स का ही भुगतान करना होगा। साथ ही एरियर भी जमा करना होगा।

ये है कॉमर्शियल टैक्स का पुराना सिस्टम
दुकान का कार्पेट एरिया गुणे 12 गुणे मासिक किराया दर गुणे कंस्ट्रक्शन मूल्य का सात प्रतिशत। इस कैल्कुलेशन से निकलती थी एनुअल रेंटल वैल्यू। एनुअल रेंटल वैल्यू का 11 प्रतिशत था कॉमर्शियल भवन टैक्स।

नई नियमावली में ऐसे बढ़ा टैक्स
दुकान का कार्पेट एरिया गुणे 12 गुणे मासिक किराया दर गुणे 5 गुणे कंस्ट्रक्शन मूल्य का सात प्रतिशत। ऐसे निकलती थी एनुअल रेंटल वैल्यू। एनुअल रेंटल वैल्यू का 11 प्रतिशत होता था टैक्स। 2014-15 का एरियर, ब्याज अलग जुड़ने के कारण कई गुना बढ़ गया टैक्स।

2015

में नगर निगम ने कॉमर्शियल हाउस टैक्स नियमावली को किया था लागू

20

हजार कॉमर्शियल भवनों पर इसके तहत पांच से दस गुना तक बढ़ा आवासीय टैक्स

2016

में नगर निगम सदन ने पुरानी दर पर टैक्स भुगतान का निर्णय लिया, लेकिन शासन की स्वीकृति नहीं मिली

कॉमर्शियल टैक्स नियमावली संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। जल्द ही शासन से इसे लेकर आदेश जारी हो सकता है। सीएम ने यह क्लीयर कर दिया है कि संशोधन में बड़े कॉमर्शियल भवनों के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केवल छोटे दुकानदारों को राहत देने का निर्णय लिया गया है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

इलाहाबाद