अ‌र्द्धकुंभ की तैयारियों के मद्देनजर कमिश्नर ने लिया बड़ा फैसला

12-13 जून की मध्यरात्रि से कम हो जाएगा किराया

सिटी बस के सफर को टैंपो से सुलभ बनाने का प्रयास

ALLAHABAD: अ‌र्द्धकुंभ मेले की तैयारियां अब आकार लेने लगी हैं। इस दिशा में शासन और प्रशासन ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मुद्दे पर यात्रियों को बड़ी सौगात देने का फैसला किया है। पहला यह कि सिटी बस का किराया घट जाएगा तो दूसरी बड़ी सौगात नई सीएनजी बसें शहर में चलाई जाएंगी। शनिवार को आरटीए की बैठक में यात्रियों को सुगम और सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराने के लिए कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल ने यह फैसले लिए। नई बसों के संचालन को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में नए आधुनिक बस टर्मिनल भी बनाए जाएंगे।

किराए में आएगी दो रुपए की कमी

आरटीए की बैठक में कमिश्नर ने कहा कि 12 और 13 जून की मध्यरात्रि में सिटी बसों का न्यूनतम किराया सात से घटाकर पांच रुपए कर दिया जाएगा। साथ ही अगले प्रति पांच किमी पर भी महज पांच रुपए की वृद्धि की जाएगी। अगले 31 किमी के सफर पर अधिकतम तीस रुपए ही किराया वसूला जाएगा। बता दें कि वर्तमान में टैंपो व टैक्सी द्वारा तीन किमी की दूरी के लिए पांच रुपए किराया लिया जा रहा है, जबकि सिटी बसें सात रुपए ले रही थीं। डीजल से चलने वाले तिपहिया वाहनों के प्रति यात्रियों की निर्भरता कम करने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

बेड़े में शामिल होंगी ढाई सौ सीएनजी बसें

इतना ही नहीं, सिटी बसों के बेड़े में ढाई सौ नई सीएनजी बसों को भी जल्द शामिल किया जाएगा। घटे किराए की प्रस्तावित दरें इन बसों में भी लागू होंगी। इन बसों में 130 बड़ी स्टैंडर्ड फ्लोर बसें, बीस बड़ी लो फ्लोर और 100 मिनी बसें शामिल होंगी। कमिश्नर ने बताया कि सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की पिछली तीन बैठकों में परिवहन निगम, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुलभ बनाने के सुझाव मांगे गए थे। जिसका उद्देश्य सिटी बसों में हो रहे घाटे को खत्म करना था। जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि सिटी बसों का किराया घटाने के साथ शहर को प्रदूषण मुक्त करने हेतु सीएनजी बसों का संचालन किया जाए। फिलहाल, 120 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है और इनको हटाकर 250 नई सीएनजी बसों को चलाया जाएगा। इसके बारे में शासन को प्रस्ताव भेजा रहा है।

जगह-जगह बनाए जाएंगे बस टर्मिनल

बैठक में निर्णय लिया गया कि बसों के सुगम संचालन के लिए बस टर्मिनल और कार्यशालाओं को शहर के समस्त प्रमुख क्षेत्रों में स्थापित किया जाए। कमिश्नर ने कहा कि सेवा समाप्ति के बाद प्रतिदिन बस टर्मिनल तक वापस जाने में जो डेड माइलेज ईधन के व्यय के रूप में आता है, उसे कम करने के लिए शहर के विभिन्न खुले स्थानों पर बस टर्मिनल आधुनिक तरीके से बनाए जाएं। अन्य स्थानों पर आवश्यक हो तो न्यूनतम दस साल के लिए भूमि किराए पर ली जाए। खासतौर से नैनी, फाफामऊ, झूंसी व कानपुर रोड व मध्य नगर क्षेत्रों में बस टर्मिनल के लिए स्थान तत्काल चुने जाने के निर्देश उन्होंने दिए हैं।

अनुबंध से चलाई जाएंगी बसें

आरटीए की बैठक में कमिश्नर ने निदेशक मंडल को सुझाव दिया कि शासन के खजाने के दम पर नई बसों की खरीद-फरोख्त के बजाय निजी क्षेत्र से अनुबंध इनका संचालन किया जाए। इसके अलावा कार्यरत कर्मचारियों, ड्राइवर, कंडक्टर आदि की वर्दी प्रोफेशनल ढंग से अनिवार्य बनाते हुए इसका एक लोगो भी तैयार कराया जाए। यह डिजाइन एनआईएफटी आदि अनुभवी संस्थाओं से तैयार कराया जाए। बैठक में डीएम संजय कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।