RANCHI: राजधानी रांची जहां सीएम से लेकर तमाम मंत्री और अधिकारी बैठे हैं, वहां की फिजा बिगाड़ने की साजिश पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही है। इसके बावजूद पुलिस दहशतगर्द तक नहीं पहुंच पा रही है। आखिर राजधानी को अशांत करने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के पीछे किसका हाथ है, जिस पर तमाम सरकारी अमला होते हुए भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इधर, सिटीके अमन पसंद लोग लगातार शांति एवं सद्भावना के लिए प्रयत्नशील हैं और हाथ जोड़ कर गुजारिश कर रहे हैं। अमन और शांति के प्रयासों के बावजूद कुछ उपद्रवी एवं असामाजिक तत्व इसे भंग करने पर तुले हैं।

धार्मिक स्थल के पास भिड़े दो गुट

26 जनवरी, 2018: रांची के मेन रोड एकरा मस्जिद के पास दोपहर 2 बजे दो गुटों के बीच भिड़ंत होते-होते बची। मस्जिद के पास एक समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे थे, इसी क्रम में करीब तीन दर्जन बाइक सवार लड़के नारा लगते गुजर रहे थे। इससे दूसरे समुदाय के लोग नाराज हो बाइक पर सवार लड़कों को पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। तब तक पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और मामले को शांत कराया।

दारोगा को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

12 जून, 2018: 11 जून को मेन रोड में छोटी सी बात पर बवाल और दूसरे दिन एक दारोगा को सरेआम पीटने के मामले में एक बार फिर राजधानी में अशांति फैलाई गई। यह अशांति किसने फैलाई। ड्यूटी पर जा रहे एक दारोगा को पीट डाला गया। उसकी वीडियो भी वायरल की गई। ऐसे में शहर में अमन-शांति को बिगाड़ा गया। पुलिस ने वहां पहुंच कर मामले को शांत किया।

नगड़ी में बिगड़ा सांप्रदायिक माहौल

14 जून, 2018: नगड़ी में धार्मिक स्थल परिसर से जानवर की हड्डी बरामद होने और इसके बाद दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई। पुलिस को उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए रात में लाठीचार्ज करना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने 24 लोगों की शिनाख्त करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

17 जून, 2018: बेड़ो इटकी के नारी गांव में चार युवकों की पिटाई और दो युवकों को बंधक बनाने के मामले में लोगों ने दूसरे दिन जमकर बवाल किया। पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। लाठीचार्ज हुई। फिर शांति समिति की बैठक कर मामले का निपटारा किया गया। इसी रात करीब 10 बजे नारी मोड़ के पास 50-60 अज्ञात लोगों ने हरवे-हथियार के साथ कुछ युवकों पर हमला कर दिया था। इसमें चार जख्मी हो गए।

क्या कहते हैं डीआईजी

डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर ने कहा कि पुलिस को खासतौर से मुस्तैद किया गया है। व्हाटसएप्प और अन्य माध्यम से अफवाह फैलानेवालों को जेल भी भेजा रहा है।

बोले अमन पसंद लोग

धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश की जा रही है। झारखंड में सहिया संस्कृति है। इसे चंद लोग बर्बाद कर रहे हैं, जो उचित नहीं है। ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

ललित मुर्मू

दोषियों की पहचान कर सूचना पुलिस को देनी चाहिए। युवा मंडली पर कंट्रोल जरूरी है। एक सर्वदलीय कमेटी बने। विभिन्न मुहल्लों के थानों को भी इसकी सूचना हो।

-अकीलुर्ररहमान, शांति समिति सदस्य

कुछ लोग शहर को अशांत करने की साजिश रच रहे हैं। हम उनके मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे। प्रशासन के साथ मिल कर हम ऐसे लोगों को चिन्हित करेंगे।

मोइज अख्तर उर्फ भोलू, शांति समिति सदस्य

अमन पसंद शहर में इस तरह की घटनाएं शर्मसार करने वाली हैं। माहौल खराब करनेवालों को चिह्नित करना होगा। पुलिस तो कार्रवाई के लिए तैयार है। शांति समिति के सदस्यों का भी सहयोग जरूरी है।

हाजी अख्तर, वयोवृद्ध समाजसेवी, लालपुर

कुछ असामाजिक तत्व सिटी को बदनाम कर रहे हैं। रांची में इन दो सालों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की काफी कोशिश की गई है। इससे कहीं न कहीं आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।

डॉ अजीत सहाय, रिटायर्ड प्रोफेसर, मानवशास्त्र