सहजनवां से गोरखपुर के बीच वसूली

दरअसल, ट्यूजडे को फैजाबाद डिपो की बस संख्या यूपी 42 टी 3101 फैजाबाद से गोरखपुर आ रही थी। बस्ती से गोरखपुर के लिए बैठे सवारियों से बस कंडक्टर रविन्द्र राय ने वाजिब किराए भी लिए, लेकिन जैसे ही बस फोरलेन छोड़ सिटी की तरफ बढ़ी वैसे ही बस ड्राइवर संजय प्रसाद ने बस रोक दी। बस ड्राइवर ने पैसेंजर्स से कहा कि आगे मूर्ति विसर्जन के लिए रूट डायवर्ट किया गया है। इसलिए बस आगे नहीं जा सकती जिनको जाना हो वो पांच रुपए दें, नहीं तो यहीं उतर जाएं।

ब्लैकमेल कर वसूले रुपए

इसके बाद बस ड्राइवर और कंडक्टर दोनों ने मिलकर यात्रियों से 5-5 रुपए एक्स्ट्रा वसूल लिए। हालांकि यात्रियों ने इस पर विरोध करना शुरू किया तो बस कंडक्टर ने यात्रियों को बीच रास्ते में उतारने की धमकी देने लगा। फिर क्या मामला बढ़ गया और यात्री श्याम बिहारी ने इसकी शिकायत फैजाबाद रोडवेज अधिकारियों से कर दी।

टोल टैक्स के नाम पर की वसूली  

उधर कंडक्टर रविंद्र राय ने बताया कि गोरखपुर प्रशासन की तरफ से रूट डायवर्जन किया गया था, इसलिए बस को हाइवे होते हुए देवरिया बाईपास से लाया गया। बीच में चूंकि टोल प्लाजा है। वहां 200 रुपए टोल टैक्स जमा करना पड़ा, जिसके एवज में प्रत्येक यात्रियों से 5-5 रुपए लिए गए, जिसे विभाग में जमा करा दिया गया।

क्या है नियम

अगर प्रशासन की तरफ से किसी भी रूट पर अचानक से रूट डायर्वजन कर दिया जाता है, तो इसके लिए बस में बैठे यात्रियों से कोई एक्स्ट्रा चार्ज लेने का कोई प्रावधान नहीं है। हां, अगर बीच रास्ते हाइवे पर अगर टोल प्लाजा पर टोल टैक्स देना पड़ रहा है तो इसके लिए यात्रियों को बकायदा बताकर टिकट के अलावा बीटी बुक से टिकट बनाकर दिया जाना अनिवार्य है। कुल मिलाकर यात्री को रूट डायवर्जन पर बढ़े हुए किराए का टिकट भी बनाकर देना होता है। अगर कोई कंडक्टर ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाती है।

अगर कंडक्टर ने यात्रियों से इस तरह से वसूली की है तो यह बिलकुल गलत काम है। टोल टैक्स अगर उसे देना ही था तो वह यात्रियों को बीटी बुक से टिकट बनाकर देता। यह तो सीधे डब्लू टी का मामला है। इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नरेंद्र सिंह यादव, एआरएम, फैजाबाद डिपो