RANCHI: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक बार फिर पारा शिक्षकों के आंदोलन को सही ठहराया है और उनका साथ देने का वादा भी किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव, आलोक कुमार दुबे और राकेश किरण महतो ने पारा शिक्षकों की जायज मांगों का समर्थन किया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल में ही समान काम पर समान वेतन देने का निर्देश दिया है। ऐसे में राज्य सरकार को क्या परेशानी है। इस दौरान मंच पर संगठन मोर्चा विभाग के प्रभारी रवींद्र सिंह एवं जोनल प्रवक्ता मानस सिन्हा भी मौजूद थे।

67 हजार पारा शिक्षक

शाहदेव व अन्य प्रवक्ताओं ने कहा कि पारा शिक्षक, रसोइया संघ, आंगनबाड़ी सेविका आदि कर्मी आंदोलनरत हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त होती जा रही है। 15 वर्षो से राज्य के करीब 67 हजार पारा शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। जहां ये लोग न्यूनतम मजदूरी को भी तरस रहे हैं वहीं राज्य में सरकारी तौर पर शराब बिक्री के काउंटर पर खड़े सेल्समैन को 18 हजार रुपए मिल रहे हैं। वहीं पारा शिक्षकों को 8-10 हजार रुपए मिलते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लागू नहीं

लंबे संघर्ष के बाद पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता मुख्य सचिव के साथ हुई थी, जो असफल रही। सीएम इनकी मांगों को पूरा नहीं होने देना चाहते हैं। 26 अक्टूबर 2016 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करने से भी सरकार पीछे हट रही है। निर्णय में कहा कहा गया है कि समान काम के बदले समान वेतन दिया जाए एवं दस वर्षो की सेवा दे चुके लोगों को स्थाई किया जाए।

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इन मांगों का किया समर्थन

- छत्तीसगढ़ की तर्ज पर स्थायीकरण करते हुए वेतनमान दें।

- समान काम का समान वेतन मिले। सरकारी शिक्षकों की तरह वेतनमान मिले।

- टीईटी पास कर चुके शिक्षकों को सीधे नियुक्त किया जाए।

- टेट सर्टिफिकेट की अवधि का विस्तार हो। अन्य राज्यों में इसकी वैधता 7 साल है।