JAMSHEDPUR : दस्तावेजों के गायब होने व अन्य अनियमितताओं के घेरे में आए को-ऑपरेटिव बीएड कॉलेज के विभागाध्यक्ष पर अखिरकार गाज गिर ही गई। सोमवार को जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ। एनआर चक्रवर्ती ने जांच रिपोर्ट के साथ अपनी कार्रवाई संबंधी नोटिंग लगाकर कोल्हान विश्वविद्यालय को प्रेषित कर दी है।

सही पाई गई रिपोर्ट

प्राचार्य डॉ। एनआर चक्रवर्ती ने बताया कि जांच टीम ने तमाम रिपोर्ट सही पाई है। इस आधार पर नए सत्र से बीएड का नया विभागाध्यक्ष होगा। कॉलेज के बीएड संकाय में अनियमितता की जांच के लिए प्राचार्य की तरफ से कमेटी गठित की गई थी। इसमें डॉ। यादव दत्ता, डॉ। विजय कुमार पीयूष, डॉ। केएम महतो, डॉ। एमएन तिवारी, डॉ। संजीव कुमार सिंह व ब्रजेश कुमार शामिल थे। सोमवार को जांच कमेटी के सामने विभागाध्यक्ष डॉ। विशेश्वर यादव प्राचार्य कक्ष में उपस्थित हुए।

गायब हैं दस्तावेज

जांच टीम ने रिपोर्ट में तमाम तरह के आरोपों की पुष्टि की है। रिपोर्ट के अनुसार बीएड विभाग को डॉ। विशेश्वर यादव मनमाने तरीके से चला रहे थे। 2016 के बाद से तमाम दस्तावेज गायब हैं। पिछले सत्र में बीएड एडमिशन में भी अनियमितताएं बरती गई। नामांकन के लिए चयनित आवेदकों की पहली, दूसरी व तीसरी सूची विश्वविद्यालय की ओर से जारी की गई थी। सीटें नहीं भरने पर मेरिट लिस्ट को-ऑपरेटिव कॉलेज को भेज दी गई। एक के बाद एक करते हुए कुल 37 बार नामांकन के लिए लिस्ट जारी की गई।

नहीं बनी नामांकन कमेटी

रिपोर्ट के अनुसार नियमत: नामांकन के लिए नामांकन कमेटी का गठन किया जाना चाहिए था। उनके हस्ताक्षर से ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए थी। तत्कालीन विभागाध्यक्ष ने कोई कमेटी गठित नहीं की। खुद ही लिस्ट जारी की और खुद ही एडमिशन कराते गए। यहां तक कि इससे संबंधित रिकॉर्ड भी नियमित तरीके से दर्ज नहीं कराए गए।

मा‌र्क्ससीट के वितरण पर सवाल

बीएड परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय से आनेवाले अंकपत्रों का वितरण भी त्रुटिपूर्ण तरीके से किया गया। नियमत: अंकपत्रों का रिकॉर्ड रजिस्टर होना चाहिए था जो संधारित नहीं किया गया। तत्कालीन विभागाध्यक्ष ने अपने पास ही सभी अंकपत्र रखे और अपने तरीके से ही छात्रों को वितरित किए। इसका कोई लेखाजोखा नहीं रखा गया।

मिलेगा नया एचओडी

कोल्हान विवि के सभी बीएड शिक्षक सालाना कांट्रेक्ट पर रखे जाते हैं। फिलहाल उनका कांट्रेक्ट समाप्त हो चुका है। नवीनीकरण होने तक कोई कार्रवाई लागू नहीं हो सकती। प्राचार्य ने अपनी ओर से जो कार्रवाई की है उसके अनुसार नवीनीकरण के बाद बीएड का नया विभागाध्यक्ष होगा। घोषणा नवीनीकरण के बाद ही की जा सकती है।

जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि विभागाध्यक्ष ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। ज्यादातर आरोप सही पाए गए हैं। फिलहाल शिक्षकों का कांट्रेक्ट रिन्युवल नहीं हुआ है। रिन्युवल के बाद बीएड विभागाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी और शिक्षक को सौंप दी जाएगी।

- डॉ। एनआर चक्रवर्ती, प्रभारी प्राचार्य, को-ऑपरेटिव कॉलेज