सुविधा के लिए दो काउंटर्स पर
आरयू हेडक्वार्टर में दो काउंटर्स हैैं। सेल काउंटर में एडमिशन और एग्जामिनेशन से रिलेटेड फॉम्र्स मिलते हैैं, जबकि  एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के पास स्थित काउंटर में डिग्र्री, माइग्र्रेशन और एग्जामिनेशन से रिलेटेड फॉर्म का वैरीफिकेशन और फी जमा होते हैैं। चूंकि, बैैंक चालान के रुप में फी लिए जाते हैैं, ऐसे में स्टूडेंट्स को उस वक्त परेशानी होती है, जब स्टाफ लेट से आते हैैं। चालान का वैरीफिकेशन, फिर उसे बैैंक में जमा करना और वापस काउंटर में सबमिट करने में स्टूडेंट्स को काफी समय  लग जाता है।

एक घंटे ही खुला रहता है
स्टूडेंट्स का कहना है कि वैरीफिकेशन काउंटर काउंटर को दिन के 11 से दोपहर एक बजे तक खुला रहना है पर यह एक घंटा ही खुला रहता है। ऐसे में चालान  वैरीफाई कराने में स्टूडेंट्स को दिक्कतें होती है। किसी कारण से चालान वैरीफाई नहीं हो पाता है तो स्टूडेंट्स को अगले दिन भी चक्कर लगाना पड़ जाता है। काउंटर के समय से पहले बंद होने और स्टाफ्स के लेट से आने की कंप्लेन मिलने के बाद वीसी ने काउंटर्स का इंस्पेक्शन भी किया तो सेल काउंटर तो दोपहर 3 बजे तक खुला था, पर वैरीफिकेशन काउंटर पर ताला लटका था।

यूनिवर्सिटी नहीं दे रही है ध्यान
काउंटर्स के समय से पहले बंद होने और यहां के स्टाफ्स की लेत-लतीफी को लेकर स्टूडेंट्स कई बार यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को कंप्लेन कर चुके हैैं, पर इस दिशा में कोई एक्शन नहीं लिया गया। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स को बताया कि एक घंटे के काम के लिए दो-दो दिन तक चक्कर लगाना पड़ जाता है। ऐसे में बाहर के स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक को आने-जाने का चक्कर और ऊपर से समय और पढ़ाई की भी बर्बादी होती है।

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