- कचहरी परिसर में लगाई गई टच स्क्रीन 'कियॉस्क' मशीन

-वादकारियों को बाबुओं का नहीं लगाना होगा चक्कर

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अदालतों के बाहर 'हाजिर हों' की पुकार, फाइलों के बड़े-बड़े गट्ठर और बाबुओं के पीछे चक्कर बीते समय की बात होगी। नई तकनीक से लैस हुई वाराणसी कचहरी में अब एक 'टच' वादकारियों और अधिवक्ताओं को उनके मुकदमे की पूरी जानकारी दे रहा है। टच स्क्रीन 'कियॉस्क' की मदद से वादकारी अपने मुकदमे से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से पा ले रहे हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर कवायद

कानूनी प्रक्रिया को आम आदमी के लिए आसान और तेज बनाने के लिए हाईकोर्ट ने दो महीने पहले प्रदेश के सभी कचहरी परिसरों में कियॉस्क मशीन लगाने का आदेश दिया था। वाराणसी में लगभग महीने भर पहले लगी मशीन ने सुचारु रूप से काम करना शुरू कर दिया है। इसके चलते अब कोर्ट के चक्कर लगाने और तारीखों और समय की जानकारी के लिए बाबुओं के पास बार-बार जाने से वादकारियों को छुट्टी मिली। दूसरा पहलू यह भी है कि दूरदराज से आने वाले वादकारियों को अब सिर्फ तारीखों की सूचना देकर रुपये ऐंठने वालों की दाल नहीं गलेगी।

ऐसे काम करती है कियॉस्क

कचहरी परिसर में एडीजे प्रथम की कोर्ट के सामने लगाई गई मशीन का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। मशीन में सिर्फ मुकदमा संख्या डालते ही यह उसकी पूरी जानकारी अगले विंडो में उपलब्ध करा देगी। इसमें मुकदमे से संबंधित कोर्ट की डिटेल, पिछली तारीख, अगली तारीख और सुनवाई का समय भी शामिल होगा। मुकदमा शुरुआती चरण में है या गवाही और जिरह की स्टेज पर, मशीन यह जानकारी भी देगी।

सुस्त डेटा फीडिंग कर रहा परेशान

कचहरी की अदालतों में चल रहे मुकदमों की डेटा फीडिंग की धीमी गति कई बार कियॉस्क से जानकारी पाने में रुकावट पैदा करती है। इसके पीछे इंटरनेट कनेक्टिविटी, सर्वर की दिक्कत या तकनीकी पेंच होते हैं। हालांकि अधिवक्ताओं का कहना है कि ऐसा कभी-कभी ही होता है। बाकी समय मशीन वादकारियों को पूरी जानकारी उपलब्ध करा रही है।