इसमें डीएम डॉ। हरिओम ने शायर फैज की गजलों को अपने सुरों में पिरोया है।

हैं लबरेज आहों से ठंडी हवाएं

रंग पैराहन के बाद डीएम डॉ। हरिओम ने शायर फैज अहमद फैज की गजलों और नज्मों को अपने सुरों में पिरोकर एलबम ‘इंतिसाब’ रिलीज किया। इस मौके पर डीएम ने न सिर्फ एलबम की गजल गुनगुनाईं बल्कि उनकी विशेषता भी लोगों को बताई। एलबम में शायर फैज की 8 गलजें और एक नज्म शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मीर और गालिब जैसे फनकारों के बाद फैज का नाम भी अदब के साथ लिया जाता है। खास बात यह कि इन गजलों और नज्म को दुनिया में किसी ने पहली बार गाया है। जिसमें खुद फैज की जुबान से पढ़ी गईं दुर्लभ अशार भी शामिल हैं। इन्हें सुरों में ढालने वालों में गजल गायक उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मो। हुसैन भी शामिल हैं। एल्बम की रिकॉर्डिंग फेमस म्यूजिशियन रवि पवार ने की है.  

Albums songs 

 हैं लबरेज आहों से ठंडी हवाएं,

 ये धूप किनारा शाम ढले

 दिल में अब यूं तेरे भूले हुए गम आते हैं

 रंग पैराहन का खुशबू जुल्फ लहराने के नाम

 सहल यूं राह-ए-जिंदगी की है

 अब कहां रस्म घर लुटाने की

 दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के

 तुम आए हो न शब-ए-इंतजार गुजरी है

 शाम-ए-फिराक अब पूछ न