- एसीएम फोर्थ ऑफिस में की तोड़फोड़, डीएम ऑफिस पर प्रदर्शन, अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गए अधिवक्ता

-एसपी सिटी सहित पांच थानों की फोर्स ने संभाला मोर्चा, एसीएम फोर्थ के खिलाफ की नारेबाजी

VARANASI

कलेक्ट्रेट कैंपस में चौकी हटाने से भड़के अधिवक्ताओं ने सोमवार की दोपहर जमकर हंगामा किया। बात तो तब और बिगड़ गई जब वकीलों की प्राथमिकी कैंट पुलिस ने दर्ज करने से इंकार कर दिया। इससे गुस्साएं दर्जनों की संख्या में अधिवक्ताओं ने कार्य ठप कर पूरे कैंपस का चक्रमण कर डीएम ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए। इसके बाद कुछ वकीलों ने एसीएम फोर्थ ऑफिस में तोड़फोड़ भी की। सूचना मिलते ही एसपी सिटी दिनेश सिंह के नेतृत्व में पांच थानों की पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गयी। उधर, सेंट्रल बार व बनारस बार की संयुक्त बैठक में वकीलों ने घटना की निंदा करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया।

जमकर की नारेबाजी

प्रवासी सम्मेलन को देखते हुए एसीएम फोर्थ गौरव सोगरवाल के निर्देश पर कलेक्ट्रेट परिसर में बेतरतीब तरीके से रखी गई चौकियों को हटाया जा रहा था। करीब 20 अधिवक्ताओं की चौकी, कुर्सी, पंखे व मुकदमों से जुड़ी दस्तावेज हटाए जाने से नाराज अधिवक्ताओं ने एसीएम फोर्थ के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। साथी वकीलों को उग्र देख अन्य वकील भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए। देखते ही देखते डीएम ऑफिस के सामने वकील धरने पर बैठ गए। चौकी हटाए जाने की प्राथमिकी दर्ज कराने कैंट थाना पहुंचे वकीलों की तहरीर नहीं लिया गया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। इस बीच एसीएम फोर्थ ऑफिस की कुर्सियां व कुछ सामान तोड़ दिए गए। वायरलेस से यह जानकारी मिलते ही आनन-फानन में पहुंचे एसपी सिटी दिनेश सिंह सहित आसपास पांच थानों की पुलिस फोर्स पहुंच स्थिति को संभाला।

उधर, सेंट्रल बार व बनारस बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने बैठक कर घटना पर आक्रोश जताया। गुस्साएं वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का डिसीजन लिया। हालांकि इस दौरान जिले के आलाधिकारियों ने अधिवक्ताओं को समझाने का बहुत प्रयास भी किया। लेकिन अधिवक्तागण अपनी मांगों पर अड़े रहे। बैठक में सेंट्रल बार के महामंत्री संजय सिंह दाढ़ी, बनारस बार के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा, महामंत्री रजनीश मिश्रा, हरिशंकर सिंह, शिवपूजन सिंह आदि रहे।

सूचना के बाद ही हटाई गई चौकियां

वकीलों के उग्र प्रदर्शन पर एसीएम फोर्थ गौरव सोगरवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर जनवरी में हो रहे प्रवासी सम्मेलन को देखते हुए चौकियां हटवाई गई। उन्हीं चौकियों को हटवाया गया जिस पर कोई अधिवक्ता नहीं बैठता है। चौकियों को हटाने से पूर्व सेंट्रल बार व बनारस बार के पदाधिकारियों को लेटर लिखकर सूचित भी किया गया था। ऑफिस में भी कुछ तोड़फोड़ की गई है।