फालोअप

-गांव में नक्सली तरीकों से हुए धमाके ने उड़ाई नींद, लखनऊ एटीएस की टीम भी पहुंची

- गुरुवार को पूरे दिन हुई जांच, हत्यारों की तलाश में चंदौली व सोनभद्र निकलीं टीमें

चौबेपुर थाना क्षेत्र के मिल्कोपुर गांव में मंगलवार की देर रात आईईडी ब्लास्ट कर पिता-पुत्र की की गई हत्या का मामला गुरुवार को भी गरमाया रहा। पूरे दिन मिल्कोपुर में जांच और फोरेंसिक एजेंसियों का डेरा रहा। एसपी रूरल अमित कुमार भी क्राइम ब्रांच की टीम के साथ गांव में मौजूद रहे। नक्सली तरीकों से किए गए धमाके की खबर सुन लखनऊ से एटीएस का विशेष दस्ता भी वाराणसी आ धमका। इस टीम ने भी गुरुवार को मिल्कोपुर में घटनास्थल का मुआयना किया।

पिता-पुत्र की हुई थी हत्या

मंगलवार की रात मिल्कोपुर में अपनी दुकान के बाहर सो रहे लालजी यादव और उसके बेटे अजय उर्फ बुद्धू के सिरहाने आईईडी लगा दी गई थी। तार के सहारे काफी दूर से इनमें ब्लास्ट कराया गया। विस्फोट में दोनों की खोपड़ी उड़ गई। खास बात यह रही कि विस्फोट के दौरान इससे आसपास कोई और नुकसान नहीं हुआ। यहां तक कि अजय के बगल में सो रहे उसके मामा का बेटा मनजीत भी साफ बच निकला। मौके से पुलिस ने बिजली के तार के अलावा डेटोनेटर और फ्यूज के टुकड़े बरामद किए। इससे वारदात में किसी नक्सली का हाथ होने की शंका जताई गई।

सोनू की तलाश में छापेमारी

चौक के सराफा व्यवसायी परिवार की जमीन पर लखरांव निवासी मुन्नीलाल यादव अपने बेटे सोनू के साथ रहा करता था। मुन्नीलाल इस जमीन का केयरटेकर था। जमीन में 25 फुट के एक टुकड़े को लेकर लालजी और सराफा व्यवसायी परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था। परिवार का आरोप है कि इसे लेकर सोनू ने पिछले दिनों लालजी को परिवार समेत उड़ाने की धमकी भी दी थी। चुनार सीमेंट फैक्ट्री और मिर्जापुर की खदानों में काम कर चुके सोनू पर हत्या का शक जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले उसके साथ एक युवक भी देखा गया था जो क्षेत्र का नहीं लग रहा था। सोनू की तलाश में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में कई स्थानों पर छापेमारी की है। पुलिस की टीमें बलिया और बिहार भी पहुंची हैं।

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फ्यूज कर होती है जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर की तस्करी

- खदानों और अवैध खनन करने वालों के लिए मुश्किल नहीं है जिलेटिन और डेटोनेटर तक पहुंचना

- लाइसेंसिंग प्रक्रिया के बावजूद ढिलाई पड़ती है भारी, थोड़े मुनाफे के लिए मजदूर बनते हैं कैरियर

सोनभद्र और मिर्जापुर के पत्थरों के खनन के लिए विस्फोटक के तौर पर इस्तेमाल होने वाली जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर की तस्करी बेहद आम बात है। खदानों से इन जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर को फ्यूज कर निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया जाता है। बाद में इन्हें बेच दिया जाता है। लाइसेंसिंग प्रक्रिया के बावजूद बरती जाने वाली ढिलाई इस जानलेवा विस्फोटक को सर्वसुलभ बना देती है।

जानकार बताते हैं कि पहाडि़यों में ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग कर छेद बनाए जाते हैं। एक बार में 10 से 20 तक जिलेटिन रॉड अलग-अलग छेदों में लगाकर विस्फोट किया जाता है। विस्फोट के लिए बिजली के तार और एक्सप्लोडर का इस्तेमाल होता है। जो डेटोनेटर को चार्ज करता है और विस्फोट हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान विभिन्न कारणों से कई डेटोनेटर फ्यूज हो जाते हैं और विस्फोट नहीं होते। इन्हें हटाकर निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया जाता है। बाद में मजदूरों के जरिए इन्हीं की तस्करी की जाती है। पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों में ऑपरेट करने वाले नक्सली इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि ऐसे विस्फोटक और डेटोनेटर उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

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सराफा बंधुओं से पुलिस ने की पूछताछ

चौबेपुर में दोहरे हत्याकांड के मामले में गुरुवार को पुलिस की टीम ने चौक निवासी सराफा बंधुओं प्रतीक वर्मा उर्फ विक्की, किरण चंद, विपिन चंद और विनोद चंद से भी पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक, इन्होंने माना कि जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था मगर चारों ने किसी भी प्रकार की धमकी या साजिश से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें बिना सूचना शहर न छोड़ने की चेतावनी दी है। उनकी निगरानी भी जारी है।

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लगाया था चोरी का आरोप, मारपीट भी हुई थी

ग्रामीणों ने बताया कि पांच दिन पहले सराफा बंधुओं की जमीन पर रहने वाले मुन्नीलाल के कमरे में चोरी हो गई थी। उसने इस चोरी का आरोप लालजी और उसके परिवार पर लगाया था। इसे लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी। इससे पहले एक बार मुन्नीलाल के सोनू और अजय में काफी मारपीट भी हुई थी। गांव के लोगों ने इस विवाद में मध्यस्थता की थी। इसी के बाद सोनू ने पूरे परिवार को उड़ाने की धमकी दी थी। ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार की देर रात उन्होंने दुकान के पास किसी अनजान व्यक्ति को देखा था मगर उसके बारे में कोई पुष्टि नहीं हो सकी।

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गांव में रसूखदार था लालजी का परिवार

पचरांव गांव के रहने वाले लालजी यादव का परिवार बेहद शांतिप्रिय और रसूखदार माना जाता था। चार भाइयों में तीसरे नंबर के लालजी ने दो बार ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़ा था। ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय तक सड़क पर कच्चे मकान में खली-चूनी का व्यवसाय करने वाले लालजी ने कुछ साल पहले ही गांव में पक्का मकान बनवाया था और दुकान के आगे का हिस्सा भी पक्का कराया था। गांव के लोगों का कहना है कि अजय भी बेहद शांत युवक था। वह प्राइवेट ग्रेजुएशन कर रहा था। लड़कियों की शादी करने के बाद लालजी अब बेटे के लिए भी रिश्ता तलाश रहे थे।

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आगरा भेजे गए सैंपल

घटनास्थल से जुटाए गए विस्फोटक के सैंपल आगरा की फोरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं। दो दिन बाद लैब की रिपोर्ट से यह साफ हो पाएगा कि वारदात में कौन सा विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था।

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बॉक्स

कचहरी में सघन तलाशी अभियान

चौबेपुर में आईईडी ब्लास्ट के बाद गुरुवार को पूरे शहर में सरगर्मी रही। कचहरी परिसर में दिन के वक्त इंस्पेक्टर कैंट की अगुवाई में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। डॉग स्क्वॉयड और बीडीएस की टीम ने परिसर के कोने-कोने की जांच की। हालांकि इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि कचहरी में रुटीन चेकिंग कराई गई और यह आगे भी जारी रहेगी।