-हाईवे पर लाशों के मिलने का नहीं थम रहा सिलसिला

हंडिया में हाइवे पर फिर मिली बोरे में बांध कर फेंकी गई लाश

ALLAHABAD: शहर और आबादी वाली इलाके जाम की समस्या ना झेलें और आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने के उदेश्य से हाईवे बनाया जाता है, ताकि वाहन अपनी स्पीड में अपने रास्ते से निकल जाएं। लेकिन यहां हाईवे को अपराधियों ने अनजान लाशों का ठिकाना बना दिया है। आए दिन हाईवे या उसके लिंक रोड पर मिलने वाली लाशें इसे सिद्ध भी कर रही हैं। बुधवार को भी हंडिया के पास हाईवे पर बोरे में बंद कर एक लाश फेंकी गई है।

कहीं और से लाकर यहां फेंका

हत्यारों ने लाश को बोरे में बांधने के बाद उसे हाइवे पर फेंक दिया और फरार हो गए। सुबह लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब तक हाईवे पर दर्जनों लाशें मिल चुकी हैं, जिनमें से कुछ की शिनाख्त हुई तो कुछ मामले अब अनसुलझे हैं।

पहले भी मिली हैं हाईवे पर लाशें

सितंबर 2011

हंडिया फ्लाईओर के पास सूटकेस में एक बॉडी मिली। जांच के दौरान पता चला कि दिल्ली के एक हॉस्पिटल में सर्जन डॉ। चन्द्रभाष पत्‍‌नी की हत्या का बॉडी को सूटकेस में रख खुद ड्राइव करते हुए इलाहाबाद पहुंचा और हंडिया के पास ओवर ब्रिज से सूटकेस को नीचे फेंक दिया। शव मिलने के बाद जांच के दौरान पुलिस के सामने हकीकत सामने आयी।

सितंबर 2011

रिटायर्ड मेजर की पत्‍‌नी अलका पांडेय की बॉडी जली हुई हालत में रायबरेली में सड़क के किनारे मिली। जांच के दौरान बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बॉडी की शिनाख्त अल्का पांडेय के रूप में की। शिनाख्त के बाद पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ी तो पता चला कि अल्का पांडेय की हत्या आशिक उर्फ मल्ली नाम के युवक ने की थी। हत्या के बाद बॉडी को जलाकर इलाहाबाद लखनऊ हाईवे पर फेंक दिया था।

पैसेंजर ट्रेन में मिली थी बॉडी

28 अप्रैल 2012 को इलाहाबाद स्टेशन पर फर्रुखाबाद इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन में बॉक्स में एक बाडी दो टुकड़ों में मिली। बॉक्स में दो बोरे में बाडी को काट कर रखा गया था। जीआरपी ने बोरे खुलवाए तो एक में बॉडी का ऊपरी हिस्सा रखा था और दूसरी बोरी में निचला हिस्सा। जीआरपी जांच में जुटी और अब तक मामला अनसुलझा ही है।