-साइलेंसरयुक्त पिस्टल से मारी गई थी सतीश राय को गोली

-जिस पिस्टल को बरामद दिखाया गया उससे चली गोली से गूंज उठेगा इलाका

-पर घटना में प्रयुक्त पिस्टल से चली गोली की आवाज कुछ दूर रहे भाई ने नहीं सुनाई देने की कही थी बात

चेतगंज पुलिस ने भले ही सतीश राय हत्याकांड के राज से पर्दा उठा लिया है लेकिन जानकार बताते हैं कि इस खुलासे में झोल ही झोल है. जिस 32 बोर की पिस्टल से हत्या होने का दावा पुलिस कर रही है, बता दें कि उससे चली गोली की आवाज दूर तक सुनाई देती है. जबकि जिस जगह पर सतीश राय को गोली मारी गई उस दुकान से कुछ ही दूर भाई मनीष राय मौजूद थे लेकिन गोली की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दी थी.

बरामदगी में पिता की गाड़ी

चर्चा यह भी है कि चार दिनों पूर्व गिरफ्तार दोनों आरोपी एक दरोगा से उलझ गये थे. उसी दौरान मालूम चला कि दोनों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. इसी बीच शनिवार को पुलिस ने दोनों को उठा लिया और उन पर पुलिसिया जुल्म भी ढाए गए. सूत्र यह भी बताते हैं कि जिस मोबाइल और गाड़ी की बरामदगी दिखाई गई है वह लालू यादव के पिता दयाराम की है. घर में अन्य सदस्यों का भी मोबाइल पुलिस ने ले लिया है. यह भी कि जिस पिस्टल को बरामद दिखाया गया है उसे 'मेड इन मुंगेर' बताया गया. इसके नाल की लंबाई सात अंगुल और मुठिया की लंबाई छह अंगुल और अलग से दो पेंच पर कसे हुए हैमर लोहे संग हैं. इसके बारे में बताया जाता है कि इससे चली गोली की आवाज दूर तक सुनाई देती है लेकिन इसमें पेंच ये कि सतीश हत्याकांड में प्रयुक्त इस पिस्टल से चली गोली मौका ए वारदात से कुछ ही दूरी पर मौजूद रहे भाई मनीष को सुनाई नहीं दी थी. एक बात और कि पकड़े गए दोनों आरोपी अपराध में जरूर लिप्त और मनबढ़ थे लेकिन फोटो स्टेट के महज दो रुपये के लिए सतीश राय की हत्या किये जाने का पुलिसिया दावा हजम हो पाना मुश्किल ही लग रहा है.

'हम मर्डर नाही कईले हई'

थाने में मिलने गई मां को देखते ही लालू बोला कि 'माई कसम से हम मर्डर नाही कईले हई' और फूट-फूटकर रोता रहा. दिवंगत सतीश राय के भाई मनीष राय को भी थोड़ा यह खटक रहा है कि फोटो स्टेट के विवाद में गोली मार देना. हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई पर उन्हें भरोसा भी है.