- रोहनिया के जोगापुर में व्हाट्सएप से हल कर रहे थे पेपर

- गिरफ्तार आरोपियों में दो महिलाएं और एक सॉल्वर भी

यूपीएसएसएससी (यूपी सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन) की परीक्षा के पेपर लीक का मामला रविवार को सामने आया है। रोहनिया के महगांव जोगापुर में युवा कल्याण अधिकारी का पेपर सॉल्व कर रहे 19 युवकों, दो महिलाओं और एक सॉल्वर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मौके पर छानबीन के लिए एसपी क्राइम भी अपनी टीम के साथ पहुंचे। सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।

ग्रामीणों ने दी सूचना

जोगापुर गांव में एक शैक्षणिक संस्थान के पास सुबह से काफी युवाओं की भीड़ लगी थी। देखने से लग रहा था कि किसी तरह की परीक्षा है। शक होने पर गांव के लोगों ने डायल-100 पर सूचना दी। मौके पर पीआरवी की कई गाडि़यां पहुंच गई। छानबीन में पता चला कि यहां यूपीएसएसएससी का पर्चा सॉल्व किया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर सॉल्वर समेत सभी 22 लोगों को हिरासत में ले लिया।

व्हाट्सएप पर हल कर रहे थे सवाल

छापेमारी के दौरान पुलिस ने सॉल्वर को व्हाट्सएप के जरिए कुछ संदेश भेजते पकड़ा। जांच हुई तो पता चला कि इसी के जरिए प्रश्न पत्र में आए सवालों के जवाब भेजे जा रहे थे। पुलिस के पहुंचने तक आरोपी कुल 38 सवालों के जवाब भेज चुके थे। शक के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेने के साथ ही उनका सारा सामान, किताबें, मोबाइल आदि जब्त कर लिया।

652 रिक्तियों पर होनी है भर्ती

युवा कल्याण अधिकारी की परीक्षा रविवार को पूरे प्रदेश में एक साथ आयोजित हुई थी। प्रदेश भर में परीक्षा के सैकड़ों सेंटर बने थे। परीक्षा के जरिए प्रशासनिक और अधीनस्थ पदों की 652 रिक्तियों पर भर्ती होनी है। सुबह 10 से 12 बजे तक हुई इस परीक्षा में प्रदेश भर में हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।

एसटीएफ की टीम भी पहुंची

पेपर लीक की सूचना पर एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद के साथ क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह पहुंचे। इनके साथ ही एसटीएफ इंस्पेक्टर विपिन राय भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। थाने पर आरोपियों से देर तक पूछताछ की गई। पेपर लीक की सूचना शासन को भेज दी गई।

सभी को किया गिरफ्तार

एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने बताया कि सभी आरोपियों से पूछताछ और मामले की छानबीन की गई। प्रकरण सही पाए जाने के बाद रोहनिया थाने में सभी के खिलाफ 3/10 परीक्षा अधिनियम और आईपीसी के तहत धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

पेपर लीक मतलब सिस्टम में कुछ लोचा है

युवा कल्याण अधिकारी का पेपर लीक कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सरकारी नौकरियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के कई पेपर लीक का प्रकरण सामने आ चुका है। यूपी एसटीएफ की कई इकाइयों ने इस मामले में कई बड़ी कार्रवाइयां भी की हैं। मगर फिर भी हालात बदलते नजर नहीं आ रहे। इसका मतलब साफ है कि सिस्टम में कहीं न कहीं कोई लोचा जरूर है।

कई बार चेता चुकी एसटीएफ

पेपर लीक के मामलों पर एसटीएफ ने भी विभागों को चेताया है। आला अधिकारियों को पत्र लिखकर एसटीएफ के अफसरों ने पेपर वितरण और इसे सेंटरों तक पहुंचाने की व्यवस्था दुरुस्त करने की अपील की थी। मगर फिलहाल इसका असर होता नहीं दिख रहा। पिछले एक साल में ही आधा दर्जन से ज्यादा विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं।

पुलिस विभाग भी अछूता नहीं

पिछले दिनों पुलिस विभाग में फालोअर और पत्रवाहक की भर्ती निकली थी। 526 पदों के लिए हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था। इससे पहले एसआई और जेई भर्ती परीक्षा के पेपर भी लीक हो चुके हैं। 15 जुलाई को यूपीएसएसएससी परीक्षा के पेपर भी लीक होने की तैयारी थी। हालांकि एसटीएफ ने प्रकरण का खुलासा करते हुए 51 लोगों को गिरफ्तार किया था।

ये पेपर हुए लीक

- 14 मई 2017 - एसएससी स्टाफ परीक्षा का पेपर लीक, आगरा से दो गिरफ्तार

- 22 अगस्त 2017 - एसआई भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा पेपर लीक, 7 गिरफ्तार

- 12 नवंबर 2017 - हाईकोर्ट की ग्रुप सी और डी परीक्षा में गड़बड़ी, कई शहरों से 20 लोग गिरफ्तार

- 28 मार्च 2018 - यूपीपीसीएल भर्ती परीक्षा सॉल्वर गैंग के 12 सदस्य गिरफ्तार