RANCHI : कोतवाली थाना पुलिस ने एक ऐसे गैंग को दबोचा है, जो सिटी के बिजनेसमेन से रंगदारी वसूला करता था। रंगदारी मांगने इसका तरीका भी अलग था। गैंग में शामिल क्रिमिनल्स अपने शिकार को न सिर्फ जान से मारने की धमकी दिया करते थे, बल्कि उनके बच्चों को स्कूल या रास्ते से किडनैप कर लेने का खौफ भी उनके दिलों में डाल देते थे। इस रंगदार गैंग का मास्टर माइंड है किशोरगंज स्थित शिवशक्ति नगर का रहनेवाला सुभाष चौधरी उर्फ सुभाष जायसवाल। इसके अंडर काम करते थे मोरहाबादी स्थित सरनाटोली निवासी आनंद वर्मा और हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी राहुल वर्मा। ये लोग अपने शिकार को फोन कर धमकाते हुए उनसे रंगदारी मांगा करते थे। मगर, इस बार ये लोग अपने ही बिछाए जाल में फंस गए। कैसे? आइए जानते हैं।

क्0 लाख दो, वरना बच्चे को उठा लेंगे

सिटी के अपर बाजार में स्थित एक कपड़ा दुकान के ओनर के पास आठ मार्च को एक फोन कॉल आया। कॉलर ने ओनर से कहा- मैं तुम्हें अच्छी तरह से जानता हूं। अगर तुम मुझे रंगदारी नहीं दोगे, तो तुम्हारे बच्चे को उसके स्कूल से ही उठा लूंगा। मुझे पता है कि तुम्हारा बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। समझदारी इसी में है कि तुम चुपचाप मुझे क्0 लाख रुपए दे दो। यह थ्रेटनिंग कॉल आने के बाद नौ मार्च को शॉप ओनर ने कोतवाली थाना में इस इंसिडेंट की रिटेन कम्प्लेन की। कम्प्लेंट रजिस्टर कराकर जैसे ही वह कोतवाली थाने से बाहर निकले, वैसे ही उनके मोबाइल पर एक कॉल आया। ओनर द्वारा कॉल रिसीव करते ही कॉलर ने कहा- अभी-अभी थाने से निकल रहे हो। मैं सब जानता हूं। तुम्हें भी सब पता चल जाएगा। ओनर ने इसकी इनफॉर्मेशन थाने में दी। जब पुलिस ने इस केस को इन्वेस्टिगेट किया, तो पता चला कि उस शॉप ओनर से क्0 लाख रुपए रंगदारी मांगनेवाला कोई और नहीं, बल्कि उनके ही शॉप में पहले काम कर चुका हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी राहुल वर्मा है।

और मास्टरमाइंड भी हो गया अरेस्ट

पुलिस ने रंगदारी मांगने के आरोपी उनके पुराने स्टाफ राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। राहुल के पकड़ में आने से पुलिस उसके गैंग के मास्टरमाइंड सुभाष चौधरी उर्फ सुभाष जायसवाल व मेंबर आनंद वर्मा तक भी पहुंच गई और उन्हें अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने बताया कि शॉप ओनर से क्0 लाख रुपए रंगदारी मांगना इन सबकी प्लानिंग का ही नतीजा था।

चाऊमिन वाले से ले चुके हैं भ्0 हजार

इससे पहले सात मार्च को ही गैंग के सुभाष जायसवाल व आनंद वर्मा ने मोबाइल फोन के थ्रू ही सिटी के ही चाऊमिन बिजनेसमैन योगेंद्र वर्मा से तीन लाख रुपए रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं मिलने पर जान से मार डालने की धमकी मिलने के बाद योगेंद्र वर्मा ने कर्ज लेकर सुभाष जायसवाल को भ्0 हजार रुपए दे दिए। रंगदारों ने उससे मुड़मा पहाड़ के पास पैसे वसूले। रंगदारी देने के बाद योगेंद्र वर्मा बीमार हो गया है। उसकी हालत ठीक नहीं है।

हर बार बदल देते थे सिम कार्ड

गैंग के मास्टरमाइंड सुभाष जायसवाल ने सिटी एसपी अनूप बिरथरे को बताया कि वे लोग हर बार सिम का‌र्ड्स बदलकर उससे अपने शिकार को कॉल करके रंगदारी मांगते थे। उसने बताया कि उसकी लालपुर में जान-पहचान की एक दुकान है। उससे ही इस काम के लिए नए सिम का‌र्ड्स ले लिए जाते थे। अपर बाजार में सुभाष जायसवाल आनंद वर्मा और राहुल वर्मा से मिला। अपर बाजार में तीनों ने रंगदारी मांगने का प्लान बनाया। सुभाष जायसवाल के कहने पर पहले आनंद वर्मा ने चाऊमिन का बिजनेस करनेवाले योगेंद्र वर्मा से रंगदारी मांगी। इसके बाद राहुल वर्मा ने अपर बाजार स्थित कपड़ा दुकान के ओनर से मोबाइल के थ्रू रंगदारी मांग डाली। पर, इस बार इनका सारा प्लान धरा का धरा रह गया और पुलिस ने इन रंगदारों को अरेस्ट कर लिया।

कॉन्ट्रैक्टर के मर्डर का भी आरोपी है सुभाष

साल ख्007 में सुभाष चौधरी उर्फ सुभाष जायसवाल पर कॉन्ट्रैक्टर सौरभ कुमार सिंह का गोली मारकर मर्डर कर देने का आरोप लगा था। इस केस में सुभाष बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद था। साल ख्0क्क् में वह जेल से बेल पर छूटा था। जेल से छूटने के बाद वह इधर-उधर घूमता रहता था। फिर, उसने अपना एक गैंग बनाया और यह गैंग सिटी के बिजनेसमेन से रंगदारी वसूलने लगा।

एक साल पहले नौकरी छोड़ी थी राहुल ने

राहुल ने सिटी एसपी अनूप बिरथरे को बताया कि उसने जिस शॉप ओनर से रंगदारी मांगी थी, उन्हीं के शॉप के में वह काम करता था। लेकिन, एक साल पहले उसने वहां से नौकरी छोड़ दी थी। नौकरी छोड़ने के बाद वह इधर-उधर भटक रहा था। इसी बीच उसे सुभाष चौधरी उर्फ सुभाष जायसवाल मिला और उसने उसे रंगदारी मांगने के लिए प्रॉम्प्ट किया।

क्या-क्या हुआ बरामद?

थर्सडे को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस ने इनलोगों के पास से रंगदारी मांगने के लिए यूज किए गए डिफरेंट कंपनीज के छह मोबाइल हैंडसेंट्स और सात सिम का‌र्ड्स बरामद किए हैं। बरामद मोबाइल व सिम का‌र्ड्स का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। बताया गया कि इन रंगदारों को अरेस्ट करने के लिए एसएसपी के डायरेक्शन पर एक टीम बनाई गई थी। इस टीम में कोतवाली इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिन्हा, सुखदेवनगर थाना प्रभारी रणधीर कुमार सिंह, लालपुर थाना प्रभारी शैलेश गुप्ता, सदर थाना प्रभारी रंजीत कुमार सिन्हा व अरगोड़ा थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह शामिल थे।

अपने नौकरों की पूरी जानकारी रखें

सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने लोगों से अपील की है कि वे अगर दुकान या घर पर कोई नौकर रखते हैं, तो उसकी पूरी प्रोफाइल अपने पास रखें। यहां तक कि अपने ड्राइवर के बारे में भी जानकारी रखें। बेटर यह होगा कि उसके बारे में अपने नजदीकी थाना को भी लिखित जानकारी दें।

'रांची पुलिस अब वैसे क्रिमिनल्स पर शिकंजा कस रही है, जो पहले से वारंटी हैं और क्रिमिनल्स हैं। सिटी के थानेदारों को यह निर्देश दिया गया है कि वे आरोपियों को जल्द से जल्द अरेस्ट कर जेल भेजें.'

-प्रभात कुमार

एसएसपी, रांची