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RANCHIराजधानी रांची के लाइन टैंक रोड के रहने वाले चंद्रकांत कुमार का चेक क्लोन कर साइबर क्रिमिनल्स ने 9. 80 लाख रुपये उनके खाते से उड़ा लिए। इतनी रकम की निकासी के मामले में भुक्तभोगी चंद्रकांत कुमार ने बैंक के पदाधिकारियों की मिलीभगत व हेराफेरी की आशंका जाहिर की है। इधर, इस राशि में से पचास हजार रुपए अभिषेक के खाते में डाले जाने की बात भी सामने आई है। हालांकि, अभिषेक ने बताया कि उसे उसके एक दोस्त ने उसके एकाउंट में 50 हजार रूपए डाले थे। फिर, उसने चेक लिया था। चेक पर पांच लाख की निकासी होना था। लेकिन, पैसे निकासी करने आए युवक को बैंक प्रबंधक ने फोन कर पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को दबोच लिया। इनलोगों से पूछताछ की जा रही है।

चेक जारी करने से किया मना
पीडि़त चंद्रकांत कुमार ने एसबीआई मेन ब्रांच के मैनेजर को दिए आवेदन में कहा है कि 27 नवंबर को दिन के करीब 3.42 बजे मेरे मोबाइल पर 9 लाख 80 हजार रुपए के आरटीजीएस का मैसेज आया जो कि किसी अभिषेक कुमार पांडे के नाम पर है। आरटीजीएस का मैसेज आने के बाद बैंक पदाधिकारियों को फोन कर बताया कि मैंने आरटीजीएस करने को लेकर चेक जारी नहीं किया है। इसे तत्काल रोक देने को कहा था।

बैंक पदाधिकारियों की मिलीभगत !
पीडि़त चंद्रकांत कुमार ने एसबीआई मेन ब्रांच के शाखा प्रबंधक को दिए आवेदन में कहा है कि बैंक द्वारा जारी ऑरिजिनल चेक नंबर मेरे पास है और मैंने इसे किसी को भी निर्गत नहीं किया है। इसके बावजूद भी इतनी बड़ी रकम डुप्लीकेट चेक नंबर के माध्यम से आपके बैंक से क्लियरिंग के लिए आया और बैंक के आरटीजीएस क्लीयरिंग करने वाले पदाधिकारियों के द्वारा मुझे मेरे खाता में अंकित मोबाइल नंबर पर सूचना भी नहीं दी गई। इससे मुझे बैंक के कर्मचारी और पदाधिकारी के इस निकासी में मिलीभगत की आशंका लग रही है। क्योंकि पूर्व में चेक पास करने से पूर्व खाता में अंकित मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाती है।