RANCHI:इस बार गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया गया है। मिलेनियल्स का मानना है कि जातिगत आरक्षण को ही पूरी तरह हटा दिया जाए। इसके स्थान पर मेरिट, आर्थिक या आरक्षण के अन्य विकल्प तलाशे जाएं। सामान्य वर्ग की ही तरह पिछड़ों को भी आर्थिक आरक्षण का लाभ मिले। मुद्दा गंभीर है, जो आगामी चुनाव में मिलेनियल्स की बुलंद आवाज के रूप में सामने आने वाला है। मिलेनियल्स स्पीक 2019 के तहत समृद्धि ग‌र्ल्स हॉस्टल में आयोजित 'राजनी-टी' में स्टूडेंट्स ने अपने विचार रखे।

रेडियो सिटी की आरजे वर्तिका द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम में जातिगत मुद्दों से ऊपर उठकर देश व समाज के विकास पर चर्चा हुई। कहा गया कि बड़े-बड़े लोग भी जातिगत आरक्षण के संबंध में कोई टिप्पणी करने से कतराते हैं। लेकिन, मिलेनियल्स की राय अब साफ होती जा रही है। इस चुनाव में मिलेनियल्स ने आरक्षण को पूरी तरह हटाने की मांग को एक बड़ा मुद्दा बनाने की ठान ली है। हर मिलेनियल्स की जुबान पर कमोबेश एक ही बात है कि आरक्षण को देश से पूरी तरह हटा देना चाहिए। अगर आरक्षण देना ही है तो उसे सभी वर्गो के लिए आर्थिक आधार पर रखा जाना चाहिए। इसकी वजह से कई टैलेंटेड और डिजर्विग स्टूडेंट्स को धूल फांकनी पड़ती है। भारत में सवणरें ने जो धारदार आंदोलन चलाए हैं, उनमें आरक्षण के खिलाफ किया गया आंदोलन आज भी याद किया जाता है। आंदोलनकारियों का तर्क होता था कि नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलनी चाहिए। आरक्षण के तहत चुना गया डॉक्टर या इंजीनियर एक मेरिट वाले के सामने कहां टिकेगा? किसी भी तरह का आरक्षण मेरिट वालों के साथ अन्याय है। दूसरा तर्क होता था कि आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए। इसके बाद गरीब सवणरें के लिए भी आरक्षण की मांग की जाने लगी। इन आंदोलनों ने अनगिनत लोगों की जान ली, हिंसक विरोध हुए, लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है। मिलेनियल्स मानते हैं कि आजादी के बाद देश की स्थिति काफी बदल चुकी है। यहां रहने वाले लोग भी पहले की अपेक्षा काफी उन्नति कर चुके हैं और अब जातिगत आधार पर आरक्षण का कोई मतलब नहीं रह गया है। इसलिए इसमें बदलाव लाते हुए इसे संशोधित किया जाना चाहिए या पूरी तरह हटा देना चाहिए। आरक्षण की व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ और विकास की किरण पहुंच सके। लेकिन अब समाज में अंतिम व्यक्ति के कैटेगरी में सामान्य वर्ग के लोग भी शामिल हैं, ऐसे में जातिगत आधार पर आरक्षण देना बेमानी है।

कहां से देंगे सवर्ण आरक्षण

बिल के मुताबिक सामान्य वर्ग को 10 परसेंट आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मिलने वाले रिजर्वेशन में से नहीं होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में इसे साफ करते हुए बताया है कि सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन नहीं होगा। जेटली ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की जो सीमा निर्धारित की है वो केवल सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए है। इसके पीछे तर्क था कि सामान्य वर्ग के लिए कम से कम 50 फीसदी सीटें तो छोड़ी जाएं वरना एक वर्ग को उबारने के लिए दूसरे वर्ग के साथ भेदभाव हो जाता। इस लिहाज से मौजूदा बिल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पीछे की भावना के खिलाफ नहीं है। यानी यह जो रिजर्वेशन दिया जाएगा, उसी 50 फीसदी में से दिया जाएगा जिसमें सामान्य वर्ग के सदस्य फाइट करते रहे हैं या जो सभी के लिए खुला होता है।

आरक्षण के लिए जरुरी दस्तावेज

आय प्रमाणपत्र (इनकम सर्टिफिकेट)

सबसे पहले बात आरक्षण पाने के लिए सबसे जरूरी शर्त की। सरकार ने 8 लाख रुपये से कम आय पाने वाले सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने का ऐलान किया है। यानी आपको आरक्षण पाना है तो इनकम सर्टिफिकेट देना होगा। अगर आपके पास आय प्रमाणपत्र नहीं है तो बनवा लीजिए।

जाति प्रमाणपत्र (कास्ट सर्टिफिकेट)

सामान्य वर्ग को आरक्षण दिया गया है और आप सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, इसके लिए आपको जाति प्रमाण पत्र भी देना होगा।

आधार कार्ड

अब देश के अधिकतर नागरिकों के पास आधार कार्ड है। आरक्षण का फायदा पाने के लिए हो सकता है कि आधार की जरूरत पड़े, इसलिए अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो तुरंत बनवा लें। सुनिश्चित करें कि आधार में नाम, पता, जन्मतिथि जैसी सभी जरूरी जानकारियां ठीक हों। अगर कुछ गलत है तो इसे ठीक करा लें।

इनकम टैक्स रिटर्न

हो सकता है कि सरकार आपसे कहे कि सामान्य वर्ग के आरक्षण का लाभ उठाना है तो इनकम टैक्स रिटर्न के डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें। इन डॉक्यूमेंट के साथ आप सबूत दे सकते हैं कि आपकी आय 8 लाख रुपए से कम है और आपको आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

बैंक अकाउंट व स्टेटमेंट

मोदी सरकार ने शुरुआत में ही जनधन योजना लॉन्च की थी। इस योजना के तहत देशभर में लाखों बैंक अकाउंट खोले गए। सरकार का मानना है कि हर व्यक्ति का बैंक अकाउंट होना चाहिए। इसलिए अगर आपके पास बैंक अकाउंट नहीं है, तो तुरंत अकाउंट खुलवालें। आरक्षण का फायदा लेने के लिए आपको 3 महीने का स्टेटमेंट भी दिखाना पड़ सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग करते हैं तो आप इसे सेव कर सकते हैं या फिर बैंक से मिलने वाली पासबुक अपने साथ रखें।

कड़क मुद्दा

अगर सामान्य वर्ग को आरक्षण देना ही था तो सरकार ने कार्यावधि के इतने साल इंतजार करने के बाद चुनाव के ठीक पहले क्यों आरक्षण की घोषणा की। मंशा साफ है वोट पॉलीटिक्स नहीं चलनी चाहिए। पूरा का पूरा आरक्षण ही आर्थिक आधार पर घोषित होना चाहिए।

सोनाली सिंह (फोटो 172)

मेरी राय

आरक्षण को हटाया जाना तो चाहिए ही, क्योंकि यह पूरे समाज को जातिगत आधार पर बांटने वाला काम है। लेकिन ज्यादा जरूरी है कि मतदाता जागरूक हों, यूथ घर से बाहर निकलकर वोट दें और समाज को परिवर्तन की राह दिखाएं।

संतोष सिंह (संचालक)

(फोटो 190)

वर्जन

सामान्य वर्ग को मिलने वाला आरक्षण बहुत ही स्वागत योग्य है। यह जरूरी था क्योंकि कई क्षमतावान लोगों को मौका ही नहीं मिल पाता है।

अंकुर प्रिया (फोटो 142)

मैं मेडिकल की छात्रा हूं और मानती हूं कि रिजर्वेशन पूरी तरह हटाया जाना चाहिए। क्योंकि बिना योग्यता के कोई भी आरक्षण के आधार पर अगर डॉक्टर बन जाता है तो सोचिए मरीजों के साथ कितना बड़ा अन्याय हो रहा है।

श्वेता गुप्ता (फोटो 148)

आरक्षण को हटाया जाना चाहिए, क्योंकि जब देश को आजादी मिली थी उस वक्त आर्थिक और समाजिक ढांचा वर्तमान से बिल्कुल अलग था। आरक्षण जरूरी था लेकिन आज की दौर में परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। अब जातिगत रिजर्वेशन की कोई जरूरत नहीं है।

रीना चौहान (फोटो 170)

रिजर्वेशन काफी पुराना मुद्दा है और इसके विरोध में कई बार कई लोगों की जान तक गई है। इसे हटा देना चाहिए और सारी परीक्षाएं मेरिट बेसिस पर होनी चाहिए।

परीना (फोटो 159)

रिजर्वेशन को आधार मानकर किसी भी तरह की नौकरी या अन्य निर्णय लेना बहुत गलत है। इसे सीधे-सीधे लोगों की योग्यता पर बेस्ड होना चाहिए ताकि किसी को शिकायत न रहे।

निशा भारती (फोटो 179)

आरक्षण का अब कोई आधार रह नहीं गया है। पिछड़े समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए पहले जातिगत आधार पर आरक्षण का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब हर जाति के लोग सरकारी नौकरी पाकर आर्थिक रूप से सुधर गए हैं इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।

प्रणति चौधरी (फोटो 184)

बात बहुत ही साफ है कि समाज को अलग-अलग वर्गो में बांटनच् से अच्छा है कि सबको बराबर आंका जाए। रिजर्वेशन हटाकर सभी को अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिलना चाहिए ताकि जो भी टैलेंटेड हों उसे ही मौका मिले।

मेघा प्रकाश (फोटो 199)

आरक्षण की मार झेल रहे सामान्य कोटि के स्टूडेंट्स को देखिए। उन्हें होम डिलीवरी और कुरियर ब्वॉय का काम करना पड़ रहा है। जबकि कई ऐसे लोग जिनमें योग्यता नहीं है, परीक्षा में मा‌र्क्स कम आएं हैं लेकिन उसके बावजूच् भी च्च्छे-अच्छे पदों पर विराजमान हैं। व्यवस्था सुधार चाहती है इसे पूरी तरह हटाकर बदलना चाहिए।

राजेश्वर प्रसाद संचालक (फोटो 192)