- वोटर्स का डेटा कंपाइल करने में छूट रहे निर्वाचन संबंधी स्टाफ के पसीने

- वोटिंग के दौरान जरूरी जानकारियां नहीं की गई अपडेट, बढ़ी मुश्किल

देहरादून.

लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन वोटर्स की बूथवार डेटा कंपाइल करने में निर्वाचन से जुड़े स्टाफ के पसीने छूट रहे हैं. दरअसल निर्वाचन अधिकारियों ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि वोटिंग के समय मतदान अधिकारियों ने वोटर्स का डेटा ही अपडेट नहीं किया. उनके पास ये जानकारी ही नहीं है कि कितने वोटर्स ने अपने वोटर आईडी का और कितनों ने दूसरे दस्तावेजों को वोट के लिए यूज किया. ये लापरवाही अब भारी पड़ रही है. वोटर्स का डेटा कैसे कंपाइल हो इस माथापच्ची में अफसर जुटे हुए हैं.

निर्वाचन अधिकारी परेशान

एक ओर सरकारी छुट्टी के बाद मतदान अधिकारी रेस्ट कर रहे हैं तो दूसरी ओर निर्वाचन अधिकारियों को अब भी आराम नहीं. रामनवमी हो या गुड फ्राईडे. इन सभी छुट्टियों में निर्वाचन कार्यालय खुल रहा, क्योंकि अब तक अधिकारियों के पास वोटर्स का बूथवार डेटा नहीं पहुंचा है.

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ये हुई दिक्कत

दरअसल लोकसभा चुनाव में वोटिंग के समय मतदान अधिकारी वोटर्स का डेटा नोट करना भूल गए. न तो वोटर आईडी वालों का एपिक नंबर नोट किया गया और न ही अदर आईडी को वोटिंग के लिए यूज करने वालों का ब्योरा. यहां तक कि अदर आईडी के सामने टिक करना भी भूल गए. जब एआरओ से बूथवार वोटर्स संख्या मांगी गई तो अब कहीं जाकर ये स्थिति सामने आई.

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एक-दूसरे की ले रहे हेल्प

निर्वाचन के बाद एक बार फिर से मतदान अधिकारियों का काम बढ़ गया है क्योंकि मतदान संबंधी सभी सामग्री वह जमा कर चुके हैं. ऐसे में उन्हें जरूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मतदान अधिकारी एक-दूसरे की हेल्प से अब डेटा तैयार कर रहे हैं. साथ ही उनके पास बचे हुए जमा कागजों से ब्योरा जुटा रहे हैं.

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अब तक सर्विस वोटर्स कर रहे पोल

कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय में 23 मई को सुबह आठ बजे से पहले तक सर्विस वोटर अपने वोट डाल सकते हैं. जिन्हें रोज के रोज ट्रेजरी के लॉकर में रखवाया जा रहा है. यहां फ्राइडे को भी पीएससी जवान अपना वोट देने पहुंचे थे. जो कि वोट यहां होने के कारण एमपी से यहां आए थे.

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मतदान अधिकारियों से बूथवार जानकारी मांगी गई है. हालांकि वोटर्स का डेटा अब वो अपने स्तर से अपडेट करने के बाद ही जानकारी दे पाएंगें. - पीएस रावत, जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी