-डीडीयू हॉस्पिटल में अब ओपीडी में डॉक्टर से मिलने के लिए मरीजों को देना होगा आधार कार्ड

-तभी बन पाएगा ओपीडी कार्ड, कार्ड खो जाने पर मरीज सिर्फ आधार नंबर देकर बनवा सकते हैं दूसरा ओपीडी कार्ड

डीडीयू हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी कार्ड बनवाने से पहले आधार कार्ड दिखाना होगा। तभी ओपीडी में डॉक्टर से मिलने के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। यहां यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। अब यदि मरीज के पास आधार कार्ड नहीं होगा तो उसे इलाज कराने में दिक्कतें आ सकती हैं। अधिकारियों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई इस व्यवस्था से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। इससे विभाग के पास गंभीर बीमारी के मरीजों का डेटा भी आसानी से पहुंच जाएगा।

आधार से लिंक होगा ओपीडी कार्ड

अधिकारियों की मानें तो ई-हॉस्पिटल शुरू होने के बाद इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। अब ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों के ओपीडी कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। ताकि किसी भी मरीज की पहचान आसानी से की जा सके। ओपीडी कार्ड का आधार कार्ड से लिंक होने के बाद यदि कोई मरीज अपना कार्ड घर भूल आता है और उसे कार्ड का नंबर नहीं मालूम है तो ऑपरेटर को दोबारा से प्रॉसेस करना नहीं पड़ेगा। सिर्फ मरीज के आधार नंबर से ही दूसरा कार्ड बन जाएगा।

कैसे बनेगा दूसरा कार्ड?

दूसरा ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए मरीज को हॉस्पिटल में आधार कार्ड लेकर आना होगा। जहां उसके आधार नंबर को कम्प्यूटर में फीड किया जाएगा। इतना करते ही कार्ड यूएच आईडी से लिंक कर जाएगा और मरीज का पुराना सारा डेटा शो होने लगेगा। जिससे मरीज का कार्ड आसानी से बन जाएगा। अधिकारियों की मानें तो इस प्रक्रिया को शुरू तो कर दिया गया है। लेकिन अभी सिर्फ उन्हीं मरीजों से आधार कार्ड लिया जा रहा है जिनका रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगा। हालांकि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद होने के बाद हर एक मरीज के लिए आधार अनिवार्य कर दिया जाएगा।

क्या हो सकती है दिक्कत

इस नये सिस्टम में आधार नंबर डालते ही मरीज के इलाज का पूरा लेखा जोखा तो सामने आ जाएगा, लेकिन किस-किस डॉक्टर की ओर से मरीज को कौन सी दवा लिखी गई है, इसमें वो सब शो नहीं करेगा। इससे मरीज को सिर्फ ओपीडी की जानकारी मिलेगी। ऐसे में जिन मरीजों के पास आधार कार्ड नहीं होगा, उनका आधार अस्पताल में ही बनवाया जाएगा।

क्या है फायदा

-मरीज को दोबारा ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए नहीं लगानी होगी लंबी लाइन

-कार्ड खोने पर नहीं होगा टेंशन

-आधार नंबर से मिल जाएगा पूरा डेटा

-नाम-पता बताने की नहीं होगी जरूरत

-आधार नंबर देते ही मरीज का आ जाएगा पूरा रिकॉर्ड

-स्वास्थ्य विभाग के पास गंभीर बीमारी का पहुंचेगा डेटा

ऑनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद मरीजों से आधार लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसा मरीजों की सहुलियत के लिए किया गया है। हालांकि अभी जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनका कार्ड मैनुअली बनाया जा रहा है।

डॉ। आरपी कुशवाहा, सीएमएस डीडीयू हॉस्पिटल