gorakhpur@inext.co.in

GORAKHPUR: करीब छह माह से जिसे लोग मरा मान रहे थे उसे पुलिस ने कानपुर से जिंदा पकड़ लिया. आठ माह पहले कैंपियरगंज के करमैनी मेले से युवती अपने जानने वाले एक युवक से साथ भाग गई. इस मामले में परिजनों ने अपने ही पट्टीदार को आरोपी बनाते हुए हत्या का केस दर्ज कराया था. बेटी के जिंदा होने की जानकारी के बाद भी परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी का लगातार दबाव बनाते रहे. उधर, पुलिस भी इस मामले की जांच में लगी रही. आखिरकार पुसिल को सर्विलांस के जरिए कामयाबी मिल गई. इसके बाद गलत सूचना देकर गुमराह करने वाली युवती, उसके पति, मां, बहन और जीजा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस पुलिस ने दर्ज किया है.

जांच में हुआ खुलासा

पुलिस लाइंस में पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए एसपी नार्थ अरविंद पांडेय और सीओ कैंपियरगंज रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि 28 नवंबर को कैंपियरगंज के माधोपुर की झाड़ी में एक युवती का शव मिला था. 30 नवंबर को मुसाबार निवासी इंद्रजीत साहनी ने अपनी साली रेनू साहनी के रूप में उसकी शिनाख्त की थी और दाह संस्कार कर दिया था. इंद्रजीत ने बताया था कि रेनू उनके घर से 23 नवंबर को करमैनी घाट के कार्तिक पूर्णिमा मेले में गई थी और गायब हो गई. रेनू की मां पीपीगंज के रामूघाट निवासी चंद्रावती की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही रामसजन और असम राइफल्स के जवान ज्ञानेंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया. युवती के घरवाले लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव बना रहे थे.

दुश्मनी निकालने को फंसाया

पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो रेनू कानपुर में जिंदा मिली. रेनू अपना नाम बदलकर किरन मिश्रा के नाम से वहां पति अयोध्या के पलिया रोहनी निवासी आनंद यादव के साथ रह रही थी. आनंद भी अपना नाम बदल कर रह रहा था. पुलिस ने बताया कि पूरे परिवार ने जानबूझकर शव की शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की और पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए निर्दोष को फंसा दिया. पुलिस ने युवती रेनू, उसके पति आनंद यादव, मां चंद्रावती, बहन लीलावती और जीजा इंद्रजीत को गिरफ्तार कर लिया. उधर, पुलिस शव की नए सिरे से पहचान कराने में जुट गई है.

जिंदा होने के बाद भी किया दाह संस्कार

रेनू की मां चंद्रावती ने बेटी के जिंदा होने की बात जानने के बावजूद दाह संस्कार किया. रेनू के पति आनंद ने बताया कि उसने मेले से गायब होने के पांच दिन बाद ही उसकी मां को बता दिया था कि वे लोग सही सलामत हैं.

कॉल डिटेल ने खोला राज

युवती के जीजा, बहन तथा मां के कॉल डिटेल में एक अंजान नंबर से कई बार कॉल करने की बात सामने आई. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो युवक कानपुर का निकला. वह इन सात महीनों में कई बार कॉल कर घरवालों से बात कर रहा था. आनंद कानपुर के एक होटल में नाम बदलकर कर काम कर रहा था.

गिरफ्तार करने वाली टीम

गिरफ्तार करने वाली टीम में कैंपियरगंज एसएचओ राणा देवेंद्र प्रताप सिंह, एसएसआई नितिन रघुनाथ श्रीवास्तव, एसआई संतोष कुमार सिंह, अनूप कुमार मिश्रा, कांस्टेबल धर्मेद्र कुमार, धर्मवीर सिंह, विनोद राम, चंद्रकला कन्नौजिया शामिल रहे.