- सोमवार को जौलीग्रांट हॉस्पिटल में भर्ती कराई गई थी महिला
- प्राथमिक जांच में मिले थे डेंगू के सिंप्टम्स
- डेंगू के लिए दून हॉस्पिटल में सैपरेट वार्ड तैयार
देहरादून, जौलीग्रांट अस्पताल में डेंगू संदिग्ध एक युवती की मौत हो गई। इस मामले से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। दून हॉस्पिटल में भी डेंगू को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है और डेंगू के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिया गया है। साथ ही डेंगू जांच की 6 किट्स भी हॉस्पिटल को प्रोवाइड कराई गई हैं।
स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप
सोमवार सुबह हरिद्वार निवासी सोनिया (22) को जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीएमओ डॉ। एसके गुप्ता ने बताया कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, उसके कार्ड टेस्ट में डेंगू के सिंप्टम्प्स मिले थे। प्राथमिक जांच में डेंगू से युवती की मौत से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
संदिग्ध पेशेंट की रिपोर्ट निगेटिव, डिस्टार्ज
दून हॉस्पिटल में शुक्रवार को डेंगू का संदिग्ध मरीज भर्ती कराया गया था। एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि मरीज की ब्लड प्लेटलेट्स काफी कम हो चुकी थी। इलाज के दौरान प्लेटलेट्स गिरना कंट्रोल हो गया। मरीज की जांच कराई गई जिसमें डेंगू के सिंप्टम्प्स नहीं मिले। सोमवार को मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
6 बेड का डेंगू वार्ड तैयार
डेंगू के संदिग्ध मामलों के सामने आने के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया है। दून हॉस्पिटल में डेंगू के लिए 6 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि मरीजों की संख्या बढ़ने पर वार्ड में और बेड की व्यवस्था की जाएगी। सोमवार को हॉस्पिटल को 6 डेंगू किट भी प्रोवाइड करा दी गई हैं। एक डेंगू किट से 95 मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है। सीएमओ डॉ। एसके गुप्ता ने बताया कि दून के किसी भी हॉस्पिटल में डेंगू का संदिग्ध मामला आने पर उसे दून हॉस्पिटल शिफ्ट किया जाएगा।
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हरिद्वार की एक युवती को जौलीग्रांट हॉस्पिटल में सोमवार को ही भर्ती कराया गया था। कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। कार्ड टेस्ट में उसमें डेंगू के सिंप्टम्प्स मिले। दून हॉस्पिटल में भी डेंगू को लेकर अलर्ट किया गया है।
डॉ। एसके गुप्ता, सीएमओ, देहरादून,
डेंगू के लक्षण
- सर्दी लगना, तेज बुखार।
-सिर, आंख, जोड़ या पेट में दर्द।
-वॉमिटिंग और सांस लेने में दिक्कत।
-शरीर में सूजन।
-स्किन पर लाल निशान।
डेंगू से बचाव-
- घर के आसपास मच्छर के लार्वा न पनपने दें।
-शरीर को पूरी तरह से ढक कर चलें।
-बच्चों के शरीर पर एंटी मॉस्क्यूटो क्रीम लगाएं।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-आसपास सफाई रखें, पानी इकट्ठा न होने दें।
-वाटर कूलर की नियमित सफाई करें।