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Lucknow : उन्नाव के माखी कांड के मुख्य गवाह यूनुस की मौत जहर देने से नहीं हुई थी। इसकी पुष्टि विसरा रिपोर्ट से हुआ है जो एसपी उन्नाव को भेजी गयी है। दरअसल पुलिस ने यूनुस का शव कब्र से निकालने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया था जिसमें विसरा सुरक्षित कर उसे केमिकल जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया था। एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट में विसरा में जहर नहीं मिलने की पुष्टि की है। इससे यूनुस के परिजनों का यह दावा सही साबित हो गया कि उसकी मृत्यु बीमारी से हुई थी।

सीबीआई को भेजेंगे रिपोर्ट

एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने उन्नाव पुलिस को एफएसएल रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। वहीं सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट जल्द ही सीबीआई के सुपुर्द कर दी जाएगी जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है। ध्यान रहे कि यूनुस माखी कांड में पीडि़ता के पिता की बेरहमी से पिटाई करने की घटना का मुख्य गवाह था। करीब पंद्रह दिन पहले उसकी बीमारी से मृत्यु हो गयी तो परिजनों ने चुपचाप शव को दफन कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गये और आनन-फानन में कब्र से शव को निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं यूनुस के परिजन इस दौरान राजधानी आ गये और जबरन शव निकालने के विरोध में मुख्यमंत्री आवास के समीप चौराहे पर प्रदर्शन करने लगे। अब एफएसएल की रिपोर्ट के बाद उनका दावा सही पाया गया है। साथ ही इस प्रकरण में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे रहे आरोपों पर भी विराम लग गया है।

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