- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित चर्चा में मिलेनियल्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और वर्तमान राजनीति पर अपनी बात रखी सामने

- भ्रष्टाचार और लूट मचा रहे निजी संस्थानों पर शिकंजा कसने वाले को ही मिलेगा मिलेनियल्स का वोट

DEHRADUN: गरम चाय का प्याला और राजनीति की चर्चा। पुलवामा में आतंकी घटना की निंदा को लेकर आंखों में रोष, कुछ इसी तरह शुरूआत हुई दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से कांवली रोड स्थित पार्क में आयोजित चर्चा की। इस दौरान मिलेनियल्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और वर्तमान राजनीति पर खुलकर अपनी बात सामने रखी। चर्चा में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और लूट मचा रहे निजी संस्थानों पर शिकंजा कसने को लेकर मजबूत कानून बनाने और बदहाल सरकारी सिस्टम को दुरुस्त करने वाली राजनीतिक पार्टी को मिलेनियल्स ने अपना वोट देने की बात कही।

शहीदों को दी श्रद्धांजलि
संडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा में मिलेनियल्स ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई करने को कहा। मिलेनियल्स ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। यहां के 80 प्रतिशत युवा देश की सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर तैनात है। शहीद की मां के आंसू का बदला लेने में सरकार इंतजार नहीं करना चाहिए।

निजी संस्थानों के लिए बने मजबूत कानून
मिलेनियल्स ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी से पैरेंट्स पर बोझ पड़ रहा है। इसी तरह निजी अस्पतालों में भी खुली लूट मची हुई है। सरकारी सिस्टम की बदहाली की वजह से स्टूडेंट्स को मजबूरन निजी संस्थानों की शरण लेनी पड़ती है। सरकार को निजी संस्थानों पर शिकंजा कसने के लिए मजबूत कानून बनाना चाहिए। जिससे आम जनता लुटने से बच सके।

महंगाई से जनता त्रस्त
मिलेनियल्स ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार इन पांच सालों में महंगाई पर लगाम नहीं लगा पाई है। किचन का बजट बिगड़ता जा रहा है और गरीब के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। इस बार वोट उसे ही दिया जाएगा जो महंगाई कम करने और गरीबों की बात करेगा। मिलेनियल्स ने कहा कि किसानों को फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। आज किसान आत्महत्या तक करने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार दावे तो बड़े-बड़े करती है लेकिन, किसानों के लिए किसी के पास भी कोई प्लान नहीं है। अन्नदाता की पीड़ा समझने वाली सरकार को ही वोट कॉस्ट किया जाएगा। कहा कि आज के समय में युवाओं के पास डिग्री है, लेकिन वे रोजगार के लिए मोहताज है। भर्तियां खुलते ही निरस्त हो जाती है। इस चुनाव में उसी राजनीतिक पार्टी को वोट दिया जाएगा, जो बेरोजगारी को लेकर गंभीर हो।

 

 

शिक्षा का वर्गीकरण नहीं होना चाहिए। प्राइवेट, सरकारी एजुकेशन एक समान हो। प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों से डिग्री लेकर बेरोजगार दो जून की रोटी के लिए मोहताज है। सरकारी विभाग में ज्यादा से ज्यादा भर्ती खोलकर युवाओं को रोजगार दिया जाए।

- रिंकी कपूर, समाजसेवी

महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। किचन का बजट भी बिगड़ रहा है। चुनाव से पहले सरकार महंगाई को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सत्ता में बैठने के बाद उन सब बातों को भूल जाती है। इस तरह का छलावा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार गंभीरता से सोचे।

मीनू खरबंदा, गृहणी

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए मजबूत कानून लाना चाहिए। बच्चों के एडमिशन के समय स्कूल्स में पैरेंट्स को लूटा जाता है। यदि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारा जाए तो पैरेंट्स की जेब में डाका नहीं पड़ेगा।

नीतू सेठी, गृहणी

सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन जमीन हकीकत देखें तो दावे खोखले साबित हो जाते हैं। सरकारी सिस्टम बीमार है। जिसकी वजह से पैरेंट्स को निजी स्कूलों की मनमानी का शिकार होना पड़ता है।

- किरन तलवार, बिजनेस मैन

प्रोफेशनल कोर्स की शिक्षा दे रहे निजी संस्थानों ने खुली लूट मचा रखी है। ऐसे में गरीबों के लिए बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो गया है। शिक्षण संस्थानों की मनमानी को रोकने के लिए ऐसी पॉलिसी होनी चाहिए, जिससे गरीब बच्चे भी पढ़ाई कर सकें।

- स्पर्श खरबंदा, स्टूडेंट

शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 60 परसेंट युवा नशे की गिरफ्त में है। जिससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। नशे की तस्करी पर लगाम लगाई जानी चाहिए। मेरा वोट उसी को मिलेगा जो नशे के खिलाफ र्कारवाई करेगा।

- रचित चांदना, स्टूडेंट

प्राइवेट अस्पतालों में खुली लूट मची हुई है। सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाएं हावी हैं। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं में सुधार हो तो गरीब लोगों को राहत मिलेगी।

- अमन गोयल, एडवोकेट

भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं पर कार्रवाई के लिए सख्त कानून बनाया जाना चाहिए। जितनी लूट सरकारी सिस्टम में है उससे कई ज्यादा प्राइवेट सेक्टर में है। जो भ्रष्टाचार पर चोट करेगा वोट उसे ही मिलेगा।

भूपेन्द्र कठैत, पार्षद

सड़क, सुरक्षा, शिक्षा, बिजली, पानी सरकार की योजना का प्रमुख हिस्सा है। आम जनता को इसका पूरा लाभ दिया जाना चाहिए। महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और भी कड़े कानून बनाए। जिससे आम लोग निडर रहे। अपराध पर अंकुश लगने के बजाए बढ़ता जा रहा है।

संजय गर्ग, शिक्षक

डिग्री धारक युवा को दस हजार की नौकरी नसीब नहीं है। सरकार चुनावी मौसम में युवाओं से वोट के लिए रोजगार के दावे करती है। लेकिन सत्ता में आने के बाद सब भूल जाते हैं। वोट उसी पार्टी को दिया जाएगा जो युवाओं के हित की बात करेगा और उनके बारे में सोचेगा।

वासुदेव शर्मा, स्टूडेंट

चुनाव में विकास की बात की जाती है। और इलेक्शन जीतने के बाद विकास का मुद्दा ही प्रत्याशी भूल जाते हैं। वोट बैंक की राजनीति करने वालों को सबक सिखाया जाएगा। मेरा वोट उसी को जाएगा जो विकास का प्लान सामने रखेगा।

मिनाक्षी अरोड़ा, स्टूडेंट

निजी शिक्षण संस्थानों और प्राइवेट अस्पतालों में लूट से आम जनता परेशान है। सरकारी अस्पतालों में यदि सारी दवाईयां उपलब्ध हों और बढि़या इलाज मिले, तो किसी भी तरह की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होना चाहिए।

अरुण खरबंदा, समाजसेवी

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कड़ा कानून बनना चाहिए। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में सभी दवा सस्ते दामों पर उपलब्ध होनी चाहिए। जिससे मरीजों और तिमारदारों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। सरकारी डॉक्टर बाहर से दवा मंगाते है। यह कमीशन का सबसे बड़ा खेल है।

- डॉ। हरवेन्द्र सिंह, शिक्षक

कड़क मुद्दा
महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाए जाना चाहिए। आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म जैसे मामले सामने आ रहे हैं। क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। जो महिलाओं की सुरक्षा का प्लान सामने रखेगा उसे ही वोट मिलेगा।

नेहा शर्मा, समाजसेवी

मेरी बात
आतंकी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आतंकी घटनाओं में देश के जवान शहीद हो रहे हैं। सरकार को अब जवाब देना चाहिए। आखिर कब तक हमारे जवान शहीद होते रहेंगे। देश की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है।

मोहन लाल गुप्ता, समाज सेवी