डेंगू को लेकर पैनिक हो रहे हैं लोग, लगातार हो रही जांचचallahabad@inext.co.in
ALLAHABAD: डेंगू के लगातार बढ़ते मरीजों से पैनिक क्रिएट होने लगी है। शुरुआती लक्षणों के आते ही लोग डॉक्टरों से जांच की मांग करने लगे हैं। यह जरूरी भी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस परिस्थिति में डरने की जरूरत नहीं है बल्कि डटकर सामना करना है।
पीजिए जमकर पानी, कीजिए आराम
डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार तेज बुखार और शरीर में दर्द के साथ बॉडी में रैशेज पड़ जाने की दशा में मरीज को डॉक्टरी इलाज के साथ चार से पांच दिन आराम करना चाहिए। जमकर पानी पीना चाहिए।
सात दिन में उतर जाता है फीवर
डेंगू का सबसे खतरनाक हेमरेजिक फीवर है। इसमें बॉडी में लाल चकत्ते के साथ ब्लीडिंग होने लगती है। यह जानलेवा हो सकता है। लेकिन इसके मरीजों की संख्या एक फीसदी भी नहीं है। नॉर्मल डेंगू महज सात दिन में वायरल फीवर की तरह अपने आप ठीक हो जाता है। डॉक्टरों की मानें तो 20 हजार प्लेटलेट्स से कम काउंट होने पर ही अलग से ब्लड चढ़वाने की जरूरत पड़ती है।
नवंबर से पहले नहीं थमेगा सिलसिला
जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 240 पहुंच चुकी है। इसी से पैनिक क्रिएट हुआ है। मार्केट में डेंगू की जांच के नाम पर एक हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं जिसे मान्यता नहीं दी गई है। इससे केवल ब्लड में प्लेटलेट्स का अंदाजा लगाया जा सकता है। जांच केवल एलाइजा ही मानी जाती है जो मेडिकल कॉलेज में हो रही है।
इस सीजन में रखें ध्यान
पांच दिन तक लगातार फीवर बना रहने पर कराई जाती है एलाइजा जांच।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलाजी लैब में ही यह जांच होती है।
बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन यह जांच नही होती
डेंगू के 99 फीसदी बुखार हल्के उपचार और आराम से ठीक हो जाते हैं।
एक फीसदी से भी कम मामले हेमरेजिक फीवर के सामने आते हैं।
शरीर में लाल चकत्ते और ब्लीडिंग होने पर डेंगू के सीरियस लक्षण माना जाता है।
घबराने की जरूरत नहीं है। अभी तक डेंगू का एक भी हेमेरेजिक पेशेंट नही मिला है। हल्के उपचार से ही मरीज ठीक हो जाते हैं। इसलिए शुरुआती लक्षण मिलने पर बहकावे में आने के बजाय उचित इलाज पर ध्यान देना चाहिए।
-डॉ। आशु पांडेय,
एसीएमओ इलाहाबाद